तार कंपनी एवं जेम्को में शुरू होगा एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस

टाटा स्टील की सहायक कंपनी आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) में कर्मचारियों के लिए एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस शुरू करने की कवायद तेज है। टाटा समूह की अन्य कंपनियों का अवलोकन करते हुए कंपनी की मान्यता प्राप्त वायर प्राेडक्ट लेबर यूनियन ने इन दो मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:06 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:06 AM (IST)
तार कंपनी एवं जेम्को में शुरू होगा एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस
एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस दो अलग-अलग मामले हैं।

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील की सहायक कंपनी आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) में कर्मचारियों के लिए एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस शुरू करने की कवायद तेज है। टाटा समूह की अन्य कंपनियों का अवलोकन करते हुए कंपनी की मान्यता प्राप्त वायर प्राेडक्ट लेबर यूनियन ने इन दो मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।

पहले इसे प्रबंधन के साथ हुई बैठक में उठाई अब इसे वरीय प्रबंधन फोरम पर उठाने का फैसला लिया है। इसी क्रम में हाल ही यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कंपनी के एमडी नीरजकांत को एक पत्र लिखकर मजदूर हित में उक्त मामले पर विचार करने का आग्रह किया है।

क्या है एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस

एक्टिंग व ग्रुप अलाउंस दो अलग-अलग मामले हैं। एक्टिंग अलाउंस में एक वरीय अधिकारी की अनुपस्थिति में वहां उसके कनीय कर्मचारी ही उनके कार्य को पूरा करते हैं। प्रमुख अधिकारी की भूमिका में उस दिन पूरे कार्य की जवाबदेही रहती है। ऐसी स्थिति में उस अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारी का भत्ता एक्टिंग में रहनेवाले कर्मचारी को देने की मांग की गई है।

दूसरी ओर ग्रुप अलाउंस उस स्थिति में मांगा गया है जिसमें किसी विभाग में एक काम को पांच कर्मचारी मिलकर निपटाते हैं। किसी कारणवश एक कर्मचारी किसी दिन अनुपस्थित रहता है तो उसके कार्य भी अन्य चार मिलकर ही करते हैं। ऐसे में उस दिन चारों कर्मचारी का काम बढ़ जाता है तथा उसके एवज में उसे कुछ मिलता भी नहीं है। ऐसे में अनुुपस्थित रहने वाले कर्मचारी का उस दिन के वेतन-भत्ते को अन्य चारों में बांटने की मांग की गई है। जिस दिन वह कर्मचारी अनुपस्थित रहेगा उसका न तो बेसिक-डीए मिलेगा और नहीं भत्ते का पैसा। ऐसे में यूनियन ने अनुपस्थित रहने वाले कर्मी के बेसिक-डीए व अन्य भत्ते को शेष कर्मियों में बांटने की मांग की है।

ग्रुप इंश्योरेंस बढाने की मांग

उधर कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन को लेकर कंपनी के एमडी को सौंपे गए पत्र में ग्रुप इंश्योरंस की राशि बढ़ाने की मांग की गई है। ग्रुप इंश्योरेंस में पहले दो लाख मिलता था लेकिन अब समय-परिस्थिति को देखते हुए उसे 20 लाख करने की मांग की गई है।

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