इंटरनेट मीडिया पर झामुमो व भाजपा समर्थकों में छिड़ी जंग

जमशेदपुर के ठेकेदारों द्वारा झामुमो विधायकों पर टेंडर में 5 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाने के बाद बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा एवं झामुमो समर्थकों के बीच सोशल मीडिया में जुबानी जंग छिड़ गई है। ठेकेदारों के आरोप से संबंधित वीडियो वायरल होने तथा अखबारों में समाचार प्रकाशित होने के बाद रविवार सुबह से ही दोनों दलों की ओर से जमकर घात प्रतिघात चलता रहा..

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:30 AM (IST)
इंटरनेट मीडिया पर झामुमो व भाजपा समर्थकों में छिड़ी जंग
इंटरनेट मीडिया पर झामुमो व भाजपा समर्थकों में छिड़ी जंग

संसू, चाकुलिया : जमशेदपुर के ठेकेदारों द्वारा झामुमो विधायकों पर टेंडर में 5 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाने के बाद बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा एवं झामुमो समर्थकों के बीच सोशल मीडिया में जुबानी जंग छिड़ गई है। ठेकेदारों के आरोप से संबंधित वीडियो वायरल होने तथा अखबारों में समाचार प्रकाशित होने के बाद रविवार सुबह से ही दोनों दलों की ओर से जमकर घात प्रतिघात चलता रहा। इस चर्चित मामले को लेकर बहरागोड़ा के पूर्व विधायक भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने अपने फेसबुक एवं ट्विटर अकाउंट पर लिखा- आज बड़े भाई व राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से सीधा सा एक सवाल? क्या आपका जमीर अब भी आप को इजाजत देता है कि ''हेमंत है तो हिम्मत है'' के नारे को इन जोकरों के माध्यम से जारी रखना चाहते हैं। जवाब हां या ना में दें। इसके साथ ही उन्होंने अखबारों में छपी खबर की कतरन भी टैग की है। इसका जवाब विधायक समीर महंती समर्थकों ने कुछ इस अंदाज में दिया- आदरणीय कुणाल भैया, अपने माता पिता और गुरु को साक्षी मानकर बस इतना बताइए कि आपने कभी अपने कार्यकाल में ठेकेदारों से कमीशन लिया था या नहीं? जवाब हां या ना में दें।

विधायक एवं पूर्व विधायक के समर्थकों के बीच चल रही तीखी जुबानी जंग के बीच भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने अपने फेसबुक पेज पर इस मामले को इस तरह उठाया है- झामुमो विधायकों के ठेका मैनेज करने तथा निविदा में कमीशन की मांग करने के संवेदकों के आरोप अत्यंत गंभीर एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का मामला है। माननीय मुख्यमंत्री जी इसकी निष्पक्ष जांच करवाइए। खोखली हो रही व्यवस्था को बचाइए। झारखंड को लूटखंड बनाने ना दें। बहरहाल नेताओं एवं उनके समर्थकों द्वारा एक दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप प्रत्यारोपों से आम जनता की नजर में उनकी छवि गिरती जा रही है।

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