Jharkhand के इस अस्पताल के अधीक्षक के टेबल पर मिला 839 वायरस, मचा हड़कंप
एमजीएम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल झारखंड का प्रतिष्ठित संस्थान है। मुंबई से आई एक टीम ने जब एमजीएम अधीक्षक के टेबल की जांच की तो वहां 839 वायरस मिले। वहीं इमर्जेंसी विभाग में अधीक्षक के टेबल से काफी कम वायरस पाया गया।
जमशेदपुर : कोरोना काल में जान बचाने के लिए लोग अस्पताल की ओर भाग रहे हैं। लेकिन जब अस्पताल तो छोड़ दीजिए, अस्पताल का प्रशासन संभाल रहे अधीक्षक महोदय के टेबल पर ही हजारों वायरस मिल जाए तो मरीजों का क्या हो रहा होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राहत की बात यह थी कि इसमें विभिन्न प्रजातियों के वायरस थे।
वायरस मिला तो टेंशन में आए संतरी से लेकर मंत्री के अधीनस्थ
खैर, साहब के टेबल पर वायरस मिला तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। हड़कंप मचना भी लाजिमी था। साहब का टेबल था, कोई ऐरे-गैरे, नत्थू खैरे का टेबल तो नहीं था। मातहतों को यह टेंशन होने लगा कि कही यह कोरोना तो नहीं है। जिस अस्पताल में न हवा हो न दवा हो, वहां वायरस कैसे? मामला जमशेदपुर स्थित झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में शुमार एमजीएम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का है। शनिवार को मुंबई की कंपनी क्लीन हाइजीन की टीम अस्पताल में एंटी वायरस का छिड़काव करने पहुंची थी। टीम अस्पताल के कोने-कोने में यह पता लगा रहे थे कि कहां कितना वायरस है। वह बड़ी सी मशीन लेकर हर कोने में घूम रहे थे।
साहब के टेबल पर वायरस देख टीम भी रह गई दंग
टीम के सदस्य घूमते-घूमते एमजीएम अधीक्षक डॉ. संजय कुमार के चैंबर में पहुंचे। एक-एक कोना जांच करने के बाद जैसे ही साहब के टेबल तक पहुंच मशीन से जांच करनी शुरू की तो वहां वायरस देख सभी ने सिर पकड़ लिया। साहब का टेबल पर इतना वायरस! बाप रे बाप! मिनट-मिनट में सैनिटाइजर से हाथ साफ करने का फिर क्या फायदा, जब टेबल ही इतनी गंदी हो। खैर मामला साहब का था, सो टीम भी सैंपल लेकर निकल गई। सैंपल का रिजल्ट आया तो पता चला कि साहब के टेबल पर कुल वायरस की संख्या 839 थी। उधर, एमजीएम अधीक्षक यह सोच राहत महसूस कर रहे हैं कि अब तो इस चैंबर में डॉ. अरुण कुमार को बैठना है। वह इस पद पर अतिरिक्त प्रभार पर थे। शनिवार को राज्य सरकार ने डॉ. अरुण कुमार को एमजीएम अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की है।
टेबल को अधिकारियों ने घेरकर रखा
जब वायरस जांच करने वाली टीम टेबल की जांच कर रहे थे, तो क्या अधिकारी और क्या कर्मचारी, सभी टेबल को घेरकर खड़े थे। मानो ऐसा लग रहा था कि अदृश्य वायरस से बदला लेकर रहेंगे। इस दौरान अधीक्षक डॉ. संजय कुमार, उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे।
उपाधीक्षक के टेबल पर 22 तो इमरजेंसी विभाग में 275 वायरस
जैसे ही टीम यहां से बाहर निकली तो सीधे उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी की टेबल पर पहुंच की। जांच में पता चला कि उपाधीक्षक महोदय के टेबल पर सिर्फ 22 वायरस अठखेलियां कर रहे हैं। उपाधीक्षक महोदय ने राहत की सांस ली और लगे हाथों सीना चौड़ाकर अपने मातहतों को देखा, मानो यह कह रहे हो अधीक्षक के टेबल पर 839 और मेरे टेबल पर सिर्फ 22 वायरस। सफाई का महत्व कोई मुझसे सीखे। उधर, इमरजेंसी विभाग के टेबल पर 275 वायरस मौजूद था। इसमें कोरोना सहित कई तरह के वायरस शामिल है।
वायरस को नष्ट कर टेबल पर चढ़ाया गया एंटी वायरस कोट
चिकित्सकों के अनुसार, जमशेदपुर में पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई वायरस की पहचान कर उसे तत्काल नष्ट किया गया। वायरस को नष्ट करने के बाद टेबुल को कोटिंग कर दिया गया। कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि अब छह माह तक वायरस नहीं होगा। इस अवसर पर एमजीएम अधीक्षक डॉ. संजय कुमार, उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, कंपनी के ललित राव, स्वास्थ्य मंत्री के प्रतिनिधि राजेश बहादुर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।