सात साल से बिना वेतन के काम रहे पूर्वी सिंहभूम के 74 शिक्षक Jamshedpur News
अलग-अलग नियमों का हवाला दे प्राथमिक शिक्षा निदेशालय नहीं मान रहा डीएसई का अनुमोदन बिना वेतन के ही कर रहे काम लॉकडाउन में हो रही परेशानी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। पूर्वी सिंहभूम के 26 अल्पसंख्यक एवं प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 77 में से 74 शिक्षक नियुक्ति के अनुमोदन की प्रत्याशा में काम वर्ष 2012 से काम कर रहे हैं। इन शिक्षकों की नियुक्ति विद्यालय प्रबंधन ने की थी।
इसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीएसई) ने इनका अनुमोदन किया था। तब से अब तक लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से पत्राचार हो रहा है। कोई न कोई कारण दिखा कर इनकी नियुक्ति का अनुमोदन नहीं किया जा रहा है। लगातार मामले की जांच हो रही है। जांच के बाद फाइल शिक्षा विभाग से निदेशालय भेजा जाता है। फिर चार-पांच माह में यह फिर से वापस हो जाती है। ये शिक्षक अपनी नियुक्ति तिथि से बिना वेतन के ही कार्य कर रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में वे भी परेशान हो रहे हैं। किसी तरह एक समय का खाना खाकर अपनी जिंदगी की गाड़ी को चला रहे हैं।
अब शिक्षकों ने किया हाईकोर्ट की ओर रुख
77 शिक्षकों में से टिनप्लेट खालसा मध्य विद्यालय के तीन शिक्षकों का वेतन भुगतान हाईकोर्ट के आदेश से होने के बाद सभी बचे हुए शिक्षकों ने अलग-अलग स्कूल के माध्यम से हाईकोर्ट में मामला दायर कर दिया है। लॉकडाउन खुलने के बाद अब इन शिक्षकों के भविष्य पर फैसला होने वाला है। इन शिक्षकों के उम्मीद है कि टिनप्लेट खालसा स्कूल की तरह ही फैसला आयेगा। शिक्षा विभाग ने भी कई संचिकाएं निदेशालय को भेजी है।
हेमंत ने भी दिया आश्वासन
पूर्वी सिंहभूम अल्पसंख्यक प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक प्रतिनिधमंडल ने मुलाकात की थी। इस दौरान इन शिक्षकों के मामलों की जानकारी होने की बात उन्होंने कही थी।
यह भी कहा था कि इस बारे में सरकार के स्तर से जल्द फैसला लिया जायेगा। मालूम हो कि इन शिक्षकों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी शिक्षकों को वेतन देने की बात तक कह दी थी। लेकिन हुआ कुछ नहीं।