Bank Strike : निजीकरण के विरोध में 13 लाख बैंक कर्मचारी 15-16 मार्च को करेंगे हड़ताल
Bank Strike. निजीकरण के विरोध में आगामी 15-16 मार्च को देश भर में 13 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल करेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के संयोजक रिंटू रजक ने मंगलवार दोपहर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कैंटीन परिसर में प्रेसवार्ता करते हुए ये बातें कहीं।
जमशेदपुर, जासं। निजीकरण के विरोध में आगामी 15-16 मार्च को देश भर में 13 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल करेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के संयोजक रिंटू रजक ने मंगलवार दोपहर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कैंटीन परिसर में प्रेसवार्ता करते हुए ये बातें कहीं।
बकौल रिंटू रजक, केंद्र सरकार एक साजिश के तहत बैंकों का निजीकरण कर रही है जबकि सरकार इसके लिए बैंकों के खस्ताहाल को जिम्मेदार बता रही है। जबकि सच्चाई ये है कि पिछले वित्तीय वर्ष में सभी बैंकों ने 174366 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था। रिंटू रजक का कहना था कि केंद्र सरकार यदि देश के भगौड़े उद्योगपतियों से एनपीए की राशि वसूल लें तो बैंक फिर से आर्थिक रूप से सक्षम हो जाएगा। लेकिन सरकार एनपीए वसूलने के बजाए बैंकों का निजीकरण कर उसे उन पूंजीपतियों को सौपने जा रही है जो अपने हित के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले सरकार ने ही निजीकरण से बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था ताकि इससे होने वाले लाभ से देश का विकास हो सके। लेकिन अब निजीकरण होने से पूंजीपति हर सेवा के लिए ग्राहकों से पैसे वसूलेंगे। फिर चाहे चेक क्लियरेंस कराना हो या चेक बुक लेना हो।
ये की आमलोगों से अपील
वहीं, यूनियन नेता हीरा अरकने ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे उनके आंदोलन में शामिल हों क्योंकि उनका आंदोलन अपने वेतन बढ़ोतरी के लिए नहीं बल्कि निजीकरण के विरोध में है। क्योंकि निजीकरण होने से आम ग्राहक को भी नुकसान होगा। इस मौके पर सपन अदक, आरबी सहाय, डीएन सिंह सहित अन्य उपस्थित थे। बैंक यूनियन प्रतिनिधियों ने घोषणा की है कि वे चार मार्च को आदित्यपुर आकाशवाणी चौक पर अपना प्रदर्शन कर जनता से सहयोग की अपील करेंगे।