ऑनलाइन पढ़ाई में 15 प्रतिशत छात्र दे रहे फीडबैक, अभिभावकों को जागरुक करने की आवश्यकता

- पदमा बरही कटकमसांडी इचाक केरेडारी समेत अन्य प्रखंडों के शिक्षक हुए शामिल सं

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 08:02 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 08:02 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई में 15 प्रतिशत छात्र दे रहे फीडबैक, अभिभावकों को जागरुक करने की आवश्यकता
ऑनलाइन पढ़ाई में 15 प्रतिशत छात्र दे रहे फीडबैक, अभिभावकों को जागरुक करने की आवश्यकता

- पदमा, बरही, कटकमसांडी, इचाक, केरेडारी समेत अन्य प्रखंडों के शिक्षक हुए शामिल संवाद सहयोगी, हजारीबाग: लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्कूलों में हो रही ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर दैनिक जागरण की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी के अगुवाई में हुए इस वेबिनार में आधा दर्जन से अधिक प्रखंड पदमा, कटकमसांडी, इचाक, केरेडारी, बरही व सदर प्रखंडों के प्रमुख शिक्षक कार्यशाला में शामिल हुए। 40 मिनट के इस कार्यशाला में शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्या, अभिभावक, नेटवर्क, पाठयक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की। जिला शिक्षा पदाधिकारी के सामने खुलकर विषय को रखते हुए शिक्षकों ने अपने अपने प्रखंड के अलावा स्वयं के विद्यालय का वृत रखा। शिक्षकों ने बताया कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों को छोड़ दे तो यह एक सशक्त माध्यम बना है। अभिभावकों की अरुचि के कारण बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ा है। 15 प्रतिशत छात्र पढ़ाई और पाठयक्रम पर फीडबैक देकर हमारी मेहनत को सफल बनाया है। नेटवर्क और डीडी न्यूज के प्रसारण शहरी क्षेत्र में होने तथा ग्रामीणों के पहुंच से अब भी इसे दूर बताया। जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी ने जागरण के प्रति आभार जताया। कहा कि पूर्व में भी जागरण ने जल सेना के माध्यम से अभियान चलाकर विद्यालयों में छात्रों को प्रोत्साहित करने काम की। इस लाकडाउन में एक बार फिर शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और समाज को सकारात्मक संदेश देने की बात कहीं। शिक्षकों के कार्यो पर संतोष करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। वहीं अभिभावकों की रुचि पर चिता व्यक्त की। कहा कि अभिभावकों को जागरुक करने की आवश्यकता है। वहीं बताया कि जिले में कई ऐसे शिक्षक है, जिन्होंने बेहतर प्रयास कर बच्चों के साथ साथ अभिभावकों को जागरुक किया गया है। हमें भी आवश्यकता है सीमित संसाधनों में बेहतर करने की। वहीं पाठयक्रम और पढ़ाई के संबंध में शिक्षकों के सुझाव को वरीय बैठक में रखने की बात कहीं। -----------------

सुदूरवर्ती विद्यालयों में नेटवर्क के साथ साथ टीवी का साधन आज भी नहीं है। ऐसे में छात्र आनलाइन पढ़ाई से नहीं जुड़ सके है। इनके लिए शारीरिक दूरी के साथ सप्ताह में क्रम के अनुसार दो घंटे के लिए विद्यालय खोलकर पढ़ाई करायी जाए। हांलाकि पारा शिक्षकों ने अपनी सारी क्षमता बच्चों को लेकर झोक दी है। इसका प्रतिफल ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है।

चंदन मेहता, उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय, लुपूंग, कटकमसांडी, फोटो -49

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पदमा आनलाइन पढ़ाई में नंबर वन पर है। मेरे विद्यालय में भी 86 प्रतिशत छात्र आनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जहां पहुंच नहीं है, या फिर मोबाइल नहीं है, वहां पर एक साथ तीन बच्चों को जमा कर पढ़ाई कराने का प्रयास किया जा रहा है।

दीपक कुमार मेहता, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, नावाडीह, फोटो - 50

------- आनलाइन पढ़ाई ने बच्चों को बाहर जाने से रोका है। यह सच है कि ग्रामीण क्षेत्र में अभिभावक जागरुक नही है। परंतु लांकडाउन ने हम शिक्षकों को तकनीक के साथ साथ अपनी क्षमता का भी अहसास कराया है। इससे हमार क्षमता और ज्ञान भी बढ़ा है।

संजय कुमार दूबे, बुनियादी विद्यालय पंचमाधव, बरही, फोटो -52

----------- इचाक में आनलाइन पढ़ाई कुछ सुदूरवर्ती क्षेत्रों को छोड़ कर बेहतर हो रहा है। नेटवर्क आड़े आ रही है परंतु हमारे कदम को नहीं रोक पायी। वहीं दूरदर्शन का लाभ ग्रामीण क्षेत्र में लोग नही उठा पा रहे है, जिसका कारण टीवी की उपलब्ध और बिजली की कमी है।

कृष्ण कुमार, शिक्षक, इचाक, फोटो- 47

---------- आनलाइन शिक्षा में छात्र रुचि ले रहे है परंतु उनका फीडबैक नहीं आ पा रहा है। हम प्रत्यक्ष रुप से देख नहीं पा रहे है। कई छात्र ग्रुप से लेफ्ट हो जाते है, यह परेशानी का सबब बनता है। इसके बावजूद हमारा शत प्रतिशत प्रयास इसे पूरा करने को लेकर है।

देवनारायण मेहता, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिदी, अमनारी, सदर, फोटो - 48

--------- केरेडारी में आनलाइन पढ़ाई कुछ क्षेत्र को छोड़ कर बेहतर हो रही है। अभिभावक जागरुक नहीं है, जिसका खामियाजा शिक्षक और छात्र दोनो भुगत रहे है। बिजली और टीवी की आज भी क्षेत्र में कमी है। इसके बावजूद छात्रों में आनलाइन पढ़ाई के प्रति जागरुकता आयी है।

विकास कुमार, मध्य विद्यालय बारियातू, केरेडारी

फोटो - -51

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