सड़कें तो बनीं, लेकिन रफ्तार व धूल कण बनी आफत

मासूम अहमद हजारीबाग प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग से बड़कागांव प्रखंड की सड़क ऐसे तो चमचम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 09:01 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 09:01 PM (IST)
सड़कें तो बनीं, लेकिन रफ्तार व धूल कण बनी आफत
सड़कें तो बनीं, लेकिन रफ्तार व धूल कण बनी आफत

मासूम अहमद, हजारीबाग : प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग से बड़कागांव प्रखंड की सड़क ऐसे तो चमचमाती दिख जाती है मगर इस पथ के निवासी बरसों से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। बड़कागंव क्षेत्र में कोयला खनन और उसकी ढुलाई इन दिनों क्षेत्र के लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है। इस रास्तों से गुजरते तेज रफ्तार हाइवा न सिर्फ स्टोन व कोल डस्ट उड़ाते गुजरते हैं बल्कि इन रास्तों से गुजरने वाले लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में कई लोग जान से हाथ धो लेते हैं। इस मार्ग पर प्रतिदिन सौ से अधिक ट्रक कोयला लेकर चलते है। इसे लेकर स्थानीय लोगों द्वार कई बार विरोध भी जताया गया है। इस क्रम में सड़के भी जाम की गई है। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ एक बार कार्रवाई की। न तो सड़कों पर पानी नियमित छिडकाव किया जता है और न ट्रकों को नियम पालन के लिए बाध्य किया जा रहा है। वहीं शहर के दूसरे छोर पर इचाक में अवैध खनन ओर क्रशन संचालन हवा में जहर घोलने का काम कर रही है। बगल में स्थित हजारीबाग वन्य आश्रयणी पर इसका सीधा असर होता है। यहां के पेड़ों के पत्तों पर धूल जमी होती है। ऐसे में लोगों की कितनी स्वच्छ हवा मिल पाती होगी। इसकी कल्पना क्ी जा सकती है। जहां तक शहर की बात है तो कटकमदाग प्रखंड अंतर्गत बानादाग कोल डंप से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक कोयला लदा हाइवा रेलवे स्टेशन रोड से होते हुए खीरगांव, लेपो रोड, ग्वालटोली चौक, डा. जाकिर हुसैन रोड होते हुए बड़कागांव रोड, हुडहूडू रोड से गुजरते हैं। रात्रि आठ बजते ही इनका हाइवा का आवागमन शुरू हो जाता है। इस रास्ते पर अगर अपर सफर कर ले तो आपकी सफेद शर्ट काली हो जाएगी। इस मार्ग पर रहने वाले निवासियों के घरों की खिड़कियां बंद रहती हैं। कारण है खुले हाइवा से उडता कोल डस्ट, जिसे बिना ढके ही ले जाया जाता है। सड़क की धूल टायर से उड़ाए जाते हैं ओर कोयला का डस्ट हवा में घुल जाता है।

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