स्कूल तो खुले मगर बच्चों के ड्रेस व जूते हो गए छोटे

लीड--------------- बाजार में इन सामग्रियों की दुकानों में लगी अभिभावकों की भीड़ स्कूलों में ला

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:30 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:30 PM (IST)
स्कूल तो खुले मगर बच्चों के ड्रेस व जूते हो गए छोटे
स्कूल तो खुले मगर बच्चों के ड्रेस व जूते हो गए छोटे

लीड---------------

बाजार में इन सामग्रियों की दुकानों में लगी अभिभावकों की भीड़

स्कूलों में लौटी रौनक

जासं, हजारीबाग : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के कारण विगत दो वर्षों से बंद शिक्षण संस्थान संक्रमण घटने के बाद सरकार द्वारा दी गई छूट के बाद धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। हालिया दिशानिर्देश कक्षा छठ से आठ को खोले जाने से संबंधित है। सरकारी व निजी विद्यालय इस दिशानिर्देश के आलोक में खुल रहे हैं। इधर करीब दो वर्षों तक कक्षाएं बंद रहने के बाद जैसे ही विद्यालय खुलने की सूचना आई, विद्यालय सहित अभिभावकों में भी भागमदौड शुरू हो गई। विद्यालयों द्वारा तो इसकी तैयारी पूर्व से की जा रही थी मगर जब अचानक स्कूल खुलने की सूचना विद्यालय से उन्हें मिली तो सबसे पहले वह बच्चों के स्कूल ड्रेस और जूता की खोज खबर लेने लगे। हालत यह हुई कि करीब दो वर्षों तक विद्यालय बंद रहने और आनलाइन कक्षा होने के कारण बच्चों के स्कूल ड्रेस व जूत छोटे हो गए। नतीजा यह हुआ कि बच्चों के अभिभावकों की स्कूल ड्रेस् और जूते की दुकानों की ओर भागमदौड़ शुरू हो गइ। बाजार में इन सामग्रियों की दुकानों में अभिभावकों व बच्चों की भीड़ उमडने लगी। अचानक आई ग्राहकों की भीड़ को लेकर दुकानदार भी पूरी तरह से तैयार नहीं थे। इस कारण दुकानों में अफरातफरी का माहौल भी देखा गया।

------------------------------------------

कई स्कूल खुले, कई खुलेंगे आज

सरकारी द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत जिले के कई निजी विद्यालय शुक्रवार से खुल गए। वहीं दूसरी ओर कई निजी विद्यालय कक्षा छह से आठ तक के लिए शनिवार से खुल रहे हैं। वहीं सरकारी विद्यालय 27 सितंबर से खुलने की जानकारी मिली है। कुल मिलाकर स्कूल खुलने से शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों में भी संतोष व उत्साह का माहोल है। एक तरफ विद्यालयों में साफ सफाई और व्यवस्था की तैयारियों में प्रबंधन जुटा है तो दूसरी ओर स्कूल खुलने की तैयारियों को लेकर अभिभावकों में भी हर तरफ भगामदौड मची है।

-------------------------------------------

अभिभावकों की प्रतिक्रिया

1. फोटो - 3 -ओकनी निवासी चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मेरी नतिनी त्रिशा गहलौत और भतीजी सृष्टि का भी स्कूल लंबे समय के बाद खुल रहा है। लगभग दो वर्षों तक स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल ड्रेस और जूते छोटे हो गए हैं। अचानक स्कूलों से मिली नोटिस के बाद बच्चों के स्कूल ड्रेस और जूते आदि खरीदना पड़ रहा है।

-----------------

2. फोटो - 5 -पगमिल निवासी व्यवसायी मो. जमाल अशरफ उर्फ बब्बन का कहना था लंबे समय के बाद स्कूल खुलने का एहसास सुखद तो है मगर अचानक मिली नोटिस के कारण बच्चो को स्कूल भेजने की तैयारी का समय नहीं मिल सका। मुख्य रूप से बच्चों का स्कूल ड्रेस और जूता खरदीना पड रहा है। इस वजह से अभिभावकों का हुजूम इन सामग्रियों की दुकानों में उमड रहे हैं।

-----------------

3. फोटो - 6 - विकास नगर, दीपुगढा निवासी ओबीसी मोर्चा के नवनियुक्त प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मेहता ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुल रहा है इसको लेकर बच्चों व अभिभावकों में खुशी तो है मगर स्कूल की तैयारी के लिए प्रबंधन को समय देना चाहिए ताकि अभिभावक बच्चों के ड्रेस व जूते आदि की व्यवस्था समुचित रूप से हो सके।

-------------------

4. लेपो रोड निवासी संजय कुमार केशरी ने कहा कि स्कूल खुल रहे यह हर्ष और संतोष का विषय है मगर अचानक स्कूल खुलने से अभिभावकों को इसकी तैयारी का समय नहीं मिल पाया। करीब दो वर्षों की अवधि बीतने के कारण बच्चों को स्कूल ड्रेस ओर जूता आदि छोटा हो गया है।

chat bot
आपका साथी