दक्षिण एशिया में ताकत बनकर उभरा है भारत
बीएसएफ मेरु में अफगानिस्तान संकट पर भारत की भूमिका संगोष्ठी चीन व पाकिस्तान भारत को नहीं
बीएसएफ मेरु में अफगानिस्तान संकट पर भारत की भूमिका संगोष्ठी
चीन व पाकिस्तान भारत को नहीं रख सकते हैं हाशिए पर : डा. रुखैयार
संस, हजारीबाग : प्रशिक्षण केंद्र एवं स्कूल बीएसएफ मेरु में अफगानिस्तान संकट पर भारत की भूमिका को लेकर एक संगोष्ठी सह व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। संवाद सत्र को विभावि के पूर्व कुलसचिव डॉ. बंशीधर प्रसाद रुखैयार संबोधित किया। जवानों व पदाधिकारियों के बीच इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि भारत दक्षिण एशिया में एक ताकत के रूप में उभरा है। चीन और पाकिस्तान भारत की भूमिका को हाशिए पर रखने की पूरी कोशिश करेगा लेकिन यह संभव नहीं है। भारत ने चीन को गतिरोध में अपनी जगह दिखा दी है। पिछले एक साल में और अजेय रूप से चीनी के मिथक का विस्फोट किया। भारत में उसकी सैन्य क्षमता और शक्तियों, कूटनीति और राजनीतिक इच्छाशक्ति में गहराई है और वह शासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बाध्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और अफगानिस्तान के मुद्दे पर दिल्ली की घोषणा की अफगानिस्तान में वर्तमान तालिबान सरकार द्वारा सराहना की गई थी। भारत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता का नेतृत्व करेगा और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में मदद करेगा। भारत पहले से ही अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत और प्रमुख शक्ति अफगान महिलाओं के लिए शिक्षा के अधिकार के साथ एक समावेशी सरकार का गठन चाहते हैं। सभी ताकतें अफगानिस्तान में जगह और स्थिरता चाहती हैं ताकि अफगानिस्तान के आसपास के क्षेत्र में शांति बनी रहे। इसके लिए तालिबान की मौजूदा व्यवस्था को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश को आतंकवादियों के प्रजनन और प्रशिक्षण केंद्र, आतंकवाद के वित्तपोषण और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए पारगमन बिदु का उपयोग नहीं किया जाए। उन्हें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता बहाल होगी और एक समावेशी सरकार बनेगी। यह स्वीकृति और वैश्विक सहायता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है जो अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए बेहद जरूरी है। सत्र के दौरान श्री रुखैयार ने जवान व पदाधिकारियों से इस विषय पर संवाद किया। उनके प्रश्नों को जवाब दिया। इससे पूर्व आइजी सह प्राचार्य बीएसएफ मेरु डीके शर्मा ने डा. बंशी का स्वागत किया। उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट की।