वन संपदा पर तस्करों की नजर, विभाग मौन
बाटम चरही क्षेत्र में बढ़ गया है अवैध खनन का मामला हो रही क्षति संवाद सूत्र चरही( हजारीबाग) वन
बाटम
चरही क्षेत्र में बढ़ गया है अवैध खनन का मामला, हो रही क्षति
संवाद सूत्र चरही( हजारीबाग): वन और खनन विभाग की लापरवाही से चुरचू प्रखंड क्षेत्र में वन संपदा के साथ मिट्टी, बालू, कोयले के अवैध खनन जारी है। जबकि संबंधित विभाग की चुप्पी इस बात को साबित कर रहा है कि इनकी सहमति से क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक चिमनी व सैकड़ों बंगले भट्ठे संचालित हो रहे हैं। कहने को तो कई चिमनी भट्ठे सरकारी नियमों का पालन कर ही चल रहे हैं। लेकिन, विभागीय लापरवाही से तो यही दिखाई पड़ता है कि किस तरह से वन संपदा का नुकसान कर यह धंधा फल फूल रहा है। कभी जहां वन विभाग के सैकड़ों विभिन्न किस्म के पेड़ लगे हुए थे, आज उनकी जड़ें भी समाप्त हो चुके हैं। वृक्षों के जड़ों के नीचे से मिट्टी काटकर ईंट की पथराई किया जा रहा है। कुछ महीने के बाद ये पेड़ भी गिरकर पहले की भांति समाप्त हो जाएंगे। कहने को तो वन विभाग के कई सिपाहियों को वन क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गई है,लेकिन विभागीय व्यवस्था के आगे सभी मौन हो जाते हैं।
अंधाधुंध पेड़ों की हो रही कटाई पर क्या कहते हैं वन पदाधिकारी इस संबंध में चरही वन पदाधिकारी गणेश राम से पूछे जाने पर बताया कि वन क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण होगी तो वैसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
सीसीएल के कोलियरी क्षेत्रों से दिन -रात साइकिल, बाइक व अन्य माध्यमों से कोयले जंगल के रास्ते निर्माण क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं। सीसीएल की बंद पड़ी खदानों के अलावा 23 नंबर, 42 नंबर, परेज से चुरचू के क्षेत्र से लेकर नजदीकी भट्ठों तक पहुंचाए जाते हैं। ऐसे संबंधित विभाग किसी तरह के गलत नही होने का दावा जरूर करती है। बावजूद चुरचू, आंगो, चनारो, बहेरा,इंद्रा, जरबा, हेंदेगढा आदि क्षेत्रों कोयले की आपूर्ति विभिन्न क्षेत्रों से होते हैं।