मेहनत व कुशल रणनीति से मिलेगी सफलता
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विभावि के विवेकानंद सभागार में यूपीएससी टॉपरों ने दिए सफलता के टिप्स
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय सभागार में सोमवार को यूपीएससी टॉपरों ने क्लास लगाई। टॉपर हजारीबाग के उत्कर्ष तथा धनबाद के यस जूलिका ने केवल अपने अनुभव ही साझा नहीं किया बल्कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के मन में बैठे शंका और भ्रम का भी समाधान किया। स्वयं के साथ साथ अन्य कई उदाहरण देकर टॉपरों ने शहर में यूपीएससी के तैयारी करने के भ्रम को तोड़ा। कहा कि सफलता बड़े शहरों में नामी शिक्षकों के पास कोचिग करने से नहीं बल्कि ईमानदारी पूर्वक प्रयास और कुशल रणनीति से मिलती है और इसके लिए कोई शार्ट कर्ट नहीं है। इससे पूर्व दोनों टॉपरों का विभावि में भव्य स्वागत किया गया। कुलपति डा. मुकुल नारायण देव ने उनका स्वागत किया। दोनों टॉपरों ने विस्तारपूर्वक यूपीएससी की सफलता के गुढ़ मंत्र दिया। बताया कि देश ही नहीं विश्व का कठिनतम परीक्षा में से एक यूपीएससी में भी है। ज्ञात हो कि हजारीबाग के उत्कर्ष को 53 वां और धनबाद के यश जूलिका को चौथा रैंक था। संबोधित करते हुए यस जूलिका ने कहा कि मैंने आज तक किसी भी कोचिग में जाकर शिक्षा नहीं ली। दिल्ली में एक कमरे में अकेला रहा और पढ़ाई किया। उन्होंने अपने पूरे संबोधन में न्यूज पेपर के महत्व के बारे में बताया । कहा कि अखबार छात्रों के लिए तैयारी का अहम हिस्सा है । बताया कि 14 से 15 घंटा पढ़ें यह जरूरी नहीं। जरूरी है कि आठ घंटा हीं पढ़े पर योजना बनाकर । परीक्षा की तैयारी और शांतचित भाव, ध्यान को जरूरी बताया कहा कि कोरोना के काल में मैं संक्रमित भी हो गया, लेकिन पढ़ाई जारी रखा। आपको यह तय करना होगा कि आप आइएएस क्यों बनना चाहते हैं। तभी आप परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। गलती होती है तो उसे सीख लेने की भी जरूरत होती है। हजारीबाग के रहने वाले उत्कर्ष ने भी इस बात पर बल दिया कि कोचिग की आवश्यकता बहुत अधिक नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई और फिर नोट्स बनाना महत्व रखता है। अगर आप नोट्स बनाते हैं और अपनी भाषा में उसे तैयार करते हैं तो भविष्य में समझने में भी आसान होता है। इंटरनेट का उपयोग ,ऑनलाइन पुस्तक पढ़ना अखबार पढ़ना और फिर चैलेंज को एक्सेप्ट करना जरूरी है। जोर दिया कि आपको यह तय करना है कि आप क्या कर सकते हैं और उसी के अनुसार मेहनत करना जरूरी है। जानकारी कि वे हजारीबाग के डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र रह चुके हैं और इसके बाद उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई पूरी कर एक कंपनी में नौकरी भी किया । बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद मैंने तैयारी शुरू की। सोचा कि मुझे और अधिक पढ़ना है, इस बाबत मैंने तैयारी किया और आज मुझे सफलता मिली है। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर दौरान का एक किस्सा का भी जिक्र किया और कहा कि मैंने यह टारगेट बनाया था कि प्रत्येक दिन पेन का एक रिफिल खत्म करूंगा।आज मेरे पास 88 पेन का रिफिल है। जो मुझे मेरी तैयारी कि याद दिलाता है।
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विद्यार्थियों के प्रश्नों का टॉपरों ने दिया रोचक जवाब
व्याख्यान माला में आइएएस टॉपरों ने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के माध्यम से कई प्रश्नों के रोचक जवाब दिए। छात्रों ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम बेहद जरूरी है। हजारीबाग जैसे छोटे शहर में हम लोगों के पास रिसोर्स की कमी है। जब इस तरह की रिसोर्स पर्सन हजारीबाग जैसे छोटे शहर आएंगे तो हम लोगों को लाभ मिलेगा
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सिविल सेवकों का संगठन एनएसीएस ने किया था आयोजन विभावि के विवेकानंद सभागार में व्याख्यान माला का आयोजन सिविल सेवकों का संगठन एनएसीएस ने किया था । मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थी सीधे उन टॉपर्स से बात करे जो स्वयं इस साल सफल हो चुके है ताकि वे भी अपनी तैयारी को एक नई धार व दिशा दे सके। ज्ञात हो कि एनएसीएस संगठन आइएएस अधिकारी बीके प्रसाद के मार्गदर्शन में स्थापित एवं संचालित है।