लोगों को आकर्षित कर रहा है बौधा डैम
बाटम एक बार फिर रमणीक स्थल के रूप में विकसित करने की उठने लगी मांग मिथिलेश पाठक
बाटम
एक बार फिर रमणीक स्थल के रूप में विकसित करने की उठने लगी मांग
मिथिलेश पाठक, टाटीझरिया (हजारीबाग) : प्रखंड मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर स्थित है मनोरम एवं रमणीक स्थल बौधा डैम। क्षेत्र मनोहारी प्राकृतिक छटाओं से घिरा और काफी आकर्षक है। प्रतिदिन यहां प्रकृति प्रेमियों का जमावड़ा लगता है। खासकर सुबह और शाम के समय में इर्द-गिर्द के लोग यहां कुछ समय प्रकृति की गोद में बिताना नहीं भूलते। लोगों को यहां सुकून मिलता है, वह भी नैसर्गिक नहीं बल्कि प्राकृतिक। दशकों से इस डैम के इर्द-गिर्द पार्क बनाने और इस क्षेत्र को पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग उठ रही है। यह भी वास्तविकता है कि इस ओर किसी प्रशासनिक अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधियों ने विशेष रुचि नहीं दिखाई है। बताते चलें कि लगभग 25 एकड़ के क्षेत्रफल में बौधा जलाशय फैला हुआ है। इसका निर्माण 70 के दशक में हुआ था। उस समय इसका एकमात्र उद्देश्य सिचाई करना था। यहां कर्मचारियों के ठहरने के लिए आवास भी बना था, जो अब सब बिखर गया है। बौधा, डहरभंगा, केसड़ा, घुघलिया समेत अन्य गांवों तक शुरुयात के दिनों में इस जलाशय से पटवन का कार्य हुआ था। इस डैम के तीन ओर जंगल और एक ओर सीढ़ीनुमा खेत तथा बौधा गांव हैं। इसके स्पेल वे का आकर्षक नजारा बरसात के दिनों में देखते ही बनता है, जब स्पेल वे से पानी निकलता है। कुल मिलाकर इसे पर्यटक क्षेत्र बनाने से सरकार को भी लाभ हित और टाटीझरिया का नाम भी पर्यटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता। वैसे भी यहां प्राय: लोग पिकनिक करने व सैर-सपाटे के लिए आते रहते हैं।
लंबे समय से इसे विकसित करने की उठ रही मांग
क्षेत्र के समाजसेवी अजय सिंह ने सरकार से इसे पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके आसपास के इलाके में पार्क लगाया जाता, नौका विहार की सुविधा होती तो इसके सौंदर्य को चार-चांद लग जाता। बौधा डैम को विकसित करने की मांग करने वालों में विजय पांडेय, शंकर प्रसाद, रजनीकांत चौधरी, किशोर साव, शम्भू प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद, उपेंद्र पांडेय, अनुज साव, मिथिलेश मोदी, सुबोध पंडा, रघु प्रसाद समेत अन्य शामिल हैं।