बिचौलियों को धान बेचने को किसान मजबूर
लीड किसानों की पीड़ा किसानों को नहीं मिल रहा है मेहनत का दाम धानक्रय केंद्र शुरू नहीं
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किसानों की पीड़ा किसानों को नहीं मिल रहा है मेहनत का दाम, धानक्रय केंद्र शुरू नहीं
संवाद सूत्र टाटीझरिया (हजारीबाग) : समय पर सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों की चिता बढ़ गई है। उन्हें फिर से यह चिता सताने लगी है कि उनके मेहनत की पूरी कमाई उनसे छीन जाएगा। उन्हें फिर से बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। क्षेत्र में धनकटनी जोरों पर है, किसी-किसी इलाके में धान की कटाई अपने अंतिम चरण पर पहुंच गई है। इधर समय पर पैक्स के नहीं खुलने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम में धान बेचना मजबूरी बन गया है। इससे जहां बिचौलियों की चांदी कट रही है तो किसान शोषण के शिकार हो रहे हैं। किसान बताते हैं कि क्रय केंद्र नहीं खुलने से मजबूरीवश व्यापारी के हाथों धान बिक्री करना पड़ता है। समय से धान अधिप्राप्ति की व्यवस्था नहीं होने से औने-पौने दाम में बेचना मजबूरी हो जाता है। प्रखंड क्षेत्र में पैक्स द्वारा धान की खरीदारी प्रारंभ नहीं किए जाने से किसानों की चिता बढ़ गई है। गौरतलब हो कि किसानों द्वारा उत्पादित धान की तैयार फसल काट कर बोरी में भरकर घर में रखना किसानों के लिए संभव नहीं है। उनको खेती करने के लिए लिया गया महाजनों का कर्ज लौटाने के लिए उत्पादित धान बेचने की मजबूरी है। धान के बाद किसान गेहूं की बुआई में लग गये हैं। ऐसे में गेहूं खेती के लोगों को पूंजी की आवश्यकता होती है जो धान बेचकर पूरा कर पाते हैं। लेकिन, सरकार के किसी भी पैक्स के द्वारा अब तक धान की खरीद नहीं शुरु हुई है जिस कारण किसानों को खुले बाजार में औने-पौने दामों में धान बेचना पड़ रहा है। किसान कहते हैं कि भले ही पैक्स का पैसा विलंब से प्राप्त होता है लेकिन बिचौलियों की अपेक्षा राशि उचित मूल्य मिलता है। इस समय क्षेत्र में बिचौलिए हावी हो रहे हैं।