38 पैक्सों के माध्यम से होगी धान की खरीद

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 08:40 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 08:40 PM (IST)
38 पैक्सों के माध्यम से होगी धान की खरीद
38 पैक्सों के माध्यम से होगी धान की खरीद

लीड

धान या बोरा को फोटो लगाएं

साधारण धान के लिए 2050 व ग्रेड ए के लिए 2070 रुपये क्विंटल तय

जासं, हजारीबाग : झारखंड में वर्ष 2021-22 के खरीफ फसल चक्र के दौरान धान खरीदी के लिए निबंधन की प्रक्रिया चल रही है। किसान ऑनलाइन माध्यम से या संबंधित प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अथवा प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से पंजीयन करा सकते है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी अरविद कुमार ने शुक्रवार को बताया कि धान विक्रय के निबंधन की कोई अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। लक्ष्य प्राप्ति तक निबंधन किए जाएंगे। जिले में 38 पैक्सों के माध्यम से धान की खरीद की जाएगी। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि एक किसान से अधिकतम 200 क्विटल धान खरीदा जाएगा। यह सीमा इसलिए तय की गई है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय का लाभ प्राप्त हो सके। धान खरीदारी की दरें भी तय कर दी गई हैं। साधारण धान के लिए 2050 रुपए प्रति क्विटल और ग्रेड ए किस्म के लिए 2070 रुपए प्रति क्विटल की दर से किसानों को भुगतान कराया जाएगा। इस राशि में 110 रुपए प्रति क्विटल केंद्र द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला बोनस दोनों शामिल है। आगे बताया कि ई-उपार्जन पोर्टल एवं बाजार एप के माध्यम से किसान पंजीयन हेतु स्वयं आवेदन कर सकते हैं। आवेदन भरते समय किसानों द्वारा फोटोयुक्त पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड वोटर कार्ड ड्राइविग लाइसेंस इत्यादि इसके अलावा बैंक खाता की विवरणी भूमि का रकबा खाता संख्या प्लॉट संख्या के साथ स्कैन कॉपी अपलोड करना होगा। आवेदन करते समय आधार संख्या व मोबाइल संख्या का होना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रखंड में धान प्राप्ति केंद्र बनाने और वहां समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दे दिया गया है। झारखंड राज्य खाद्य निगम ने खरीफ विपणन मौसम में किसानों से खरीदे जानेवाली धान के एवज में मूल्य भुगतान के लिए नाबार्ड या बैंकों से ऋण लेने की योजना बनाई है। पिछले खरीफ फसल चक्र के दौरान भी निगम ने किसानों को समय पर भुगतान के लिए 421 करोड़ का ऋण लिया था। निगम का दावा है कि राज्य में पहली बार किसानों को उनसे खरीदी गई फसल के एवज में पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है।

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