तकनीकी व आधारभूत संरचना बढ़ाने पर दिया गया जोर
कैंपस का लोगो रुसा की कार्यशाला में प्राचार्याें ने रखा अपना पक्ष वित्त सलाहकार ने बताया कि
कैंपस का लोगो
रुसा की कार्यशाला में प्राचार्याें ने रखा अपना पक्ष
वित्त सलाहकार ने बताया कि रूसा भारत सरकार की योजना है,
संस, हजारीबाग : विभावि में के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रुसा )के तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उदघाटन विभावि वित्त सलाहकार सुनील कुमार सिंह ने किया। कार्यशाला में रुसा के गठन और उद्देश्य पर चर्चा करते हुए वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता पर चर्चा की गयी। विभावि के विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्राचार्य, स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्ष तथा तकनीकी महाविद्यालयों के प्राचार्यो ने आधारभूत तकनीकी संरचना बढ़ाने पर जोर दिया। वहीं कई नए विषयों की पढ़ाई शुरु करने पर शिक्षाविदों ने एक राय सहमति प्रदान की। अध्यक्षता डा. चंद्रशेखर सिंह रुसा के नोडल पदाधिकारी ने किया। वित्त सलाहकार ने बताया कि 2013 में गठित रूसा भारत सरकार की योजना है, जो विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों को आधारभूत संरचना को सशक्त करने में सहायता प्रदान करती है। वर्तमान में पूरे देश में विश्वविद्यालयों की 574 तथा कॉलेजों की संख्या 35379 है। इसमें लगभग 29000 कॉलेज है जिसे रुसा सहयोग करती है। रूसा एकेडमिक वातावरण स्थापित करने का बेहतरीन संगठन है इससे प्रत्येक संस्था को लाभ उठाना चाहिए। रूसा के डिप्टी प्रोजेक्ट लीडर डॉ वरुणा दत्ता ने कहा कि रूसा थ्री आने वाला है तथा इस योजना की पहली सीढ़ी कॉलेज तैयार करें ,जो विश्वविद्यालय के पास आएंगे जिसे राज्य के पास तथा अंत तक शिक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने उपस्थित प्राचार्य और कॉलेजों के प्रतिनिधियों से सकारात्मक सहयोग की अपील की। रूसा के वित्तीय प्रबंधक अजीत कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। रूसा के वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर शंभू दयाल सिंह ने कहा कि प्रतीक संस्था के लिए अपना अवीजन लगभग 50 वर्षों का होना चाहिए और इसे अभियान मोड में रखकर चलाना चाहिए। कार्यक्रम के दूसरे चरण में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ चंद्रशेखर सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन रामगढ़ कॉलेज के प्राचार्य डॉ मिथिलेश कुमार ने किया। मौके पर विश्वविद्यालय के पदाधिकारी गण अंगी भूत एवं संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्य तथा उनके प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।