घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई में एसीबी ने बनाया शतक

टाप बाक्स पांच साल में 114 घूसखोरों को बनाया शिकार 2017 में पकड़े थे सर्वाधित 48 लोग कोि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 08:08 PM (IST)
घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई में एसीबी ने बनाया शतक
घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई में एसीबी ने बनाया शतक

टाप बाक्स

पांच साल में 114 घूसखोरों को बनाया शिकार, 2017 में पकड़े थे सर्वाधित 48 लोग

कोविड काल में थम गयी थी रफ्तार, 2020 में 14 और 2021 में आठ शिकार

अरविद राणा,

हजारीबाग : सरकारी सेवक हो या घूसखोर जनप्रतिनिधि एसीबी ने जिस किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज की, उसका शिकार किया और जेल के सलाखों के पीछे भेजा। 2016 में स्थापित अपराध निरोधक ब्यूरो पिछले पांच साल में घूसखोरों के शिकार का शतक लगाया है। चतरा के अनुमंडल कार्यालय से गिरफ्तार स्टेनों एसीबी का 114 वां शिकार है। एसीबी के चंगुल में 2017 में चतरा के लावालौंग बीडीओ, 2019 में बरकटठा के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार, 2021 के सात सितंबर को मांडू बीडीओ जैसे बड़े पदाधिकारी और पंचायत सेवक, मुखिया जैसे नीचे पायदान के जन प्रतिनिधि भी शिकार बने।

2017 में 48 का एसीबी ने किया शिकार, राज्य में बना टॉपर

2016 के मध्य में हजारीबाग में एसीबी को स्थापित किया गया। प्रारंभ में पहले वर्ष एसीबी ने 19 प्राथमिकी दर्ज कर शिकार किए। हजारीबाग एसीबी की टीम उस वक्त पूरे राज्य में चर्चा में आ गयी जब उसने एसीबी द्वारा अबतक के किए गए सारे रिकार्ड को तोड़ते हुए 2017 में 48 शिकार किए। अबतक का यह रिकार्ड कायम है। तत्कालीन डीएसपी प्राणरंजन के नेतृत्व में पूरी कार्यवाही हुई और अधिकारिेयों के इस दल के कारण सरकारी कार्याल्य और जन प्रतिनिधियों के बीच खौफ छा गया। 2017 में इस दौरान दिगंबर प्रसाद जैसे वन पदाधिकारी, लावालौंग बीडीओ सहित अन्य कई बड़े अधिकारी, थाना प्रभारी, दारोगा, जमादार, राजस्व कर्मचारी, पेशकार सहित अन्य पकड़े गए।

कोविड में थम गया रफ्तार, 2018 में सतर्क रहे घूसखोर

2017 में ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद 2020 व 21 के कोविड काल में एसीबी का रफ्तार कम हो गयी। कारण कोविड काल रहा। इसके बावजूद 2020 में एसीबी ने 07 तथा 21 में अक्टूबर चार तक आठ शिकार किए। इनमें 2021 में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के इन 45 दिनों में पांच शिकार किए। 2017 में ताबड़तोड़ कार्यवाही का असर घूसखोरों पर पड़ा और वे सतर्क हो गए। इस दौरान 2018 में एसीबी ने 16 तथा 2019 में 14 शिकार किए। अबजब कोविड काल समाप्त हो रह है तो एक बार फिर एसीबी ने रफ्तार बढ़ा दिया है। पिछले दस दिनों में एसीबी तीन शिकार कर चुकी है। इनमें 25 को हजारीबा सिविल सर्जन कार्यालय के डाटा प्रबंधक, एक अक्टूबर को बरकटठा के चुगलगामो पंचायत सेवक और चार अक्टूबर को चतरा के अनुमंडल कार्यालय में पदस्थापित स्टेनो को गिरफ्तार किया।

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- लॉकडाउन में कामकाज सुचारु न होने के कारण अभियान धीमा हुआ , कारण शिकायतें नहीं आना था। अब जब सबकुछ सामान्य हो गया है, जिदगी रफ्तार पकड़ी है तो शिकायतें आना भी तेज हुआ है। रिजल्ट सामने है। कोई भी व्यक्ति बेहितचक इस तरह के रिश्वतखोरों की शिकायत कर सकता है। एसीबी कार्यवाही करेंगी - विजय सिंह, डीएसपी सह एसीबी थाना प्रभारी, हजारीबाग

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