तेजी से बदल रही है बरही क्षेत्र की पहचान

बाटम देश के कोने-कोने में बरही के ऑपरेटर आपको मिल जाएगी लेकिन अब यहां लग रहा उद्योग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:14 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:14 PM (IST)
तेजी से बदल रही है बरही क्षेत्र की पहचान
तेजी से बदल रही है बरही क्षेत्र की पहचान

बाटम

देश के कोने-कोने में बरही के ऑपरेटर आपको मिल जाएगी, लेकिन अब यहां लग रहा उद्योग

प्रमोद विश्वकर्मा बरही (हजारीबाग) : ऐसे तो हर क्षेत्र की अपनी अलग अलग पहचान होती है, वहीं करीब दो दशक में व्यावसायिक ²ष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बरही अनुमंडल ने अब अपनी पहचान मशीनों के शहर के रूप में बना कर सुर्खियां बटोर रही है। बरही क्षेत्र से होकर अगर आप कभी गुजरेंगे तो जगह-जगह खड़ीं पोकलेन व डोजर मशीनें बरबस आपका ध्यान खींचती हैं। बरही का पोकलेन देश के कोने कोने में हैं। यहां तक कि वहां ज्यादातर पोकलेन ऑपरेटर, हेल्पर भी बरही क्षेत्र के ही होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक बरही विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरही, चौपारण व चंदवारा प्रखंड में करीब 10000 से अधिक पोकलेन व डोजर मशीनों के मालिक, ऑपरेटर, हेल्पर यहां हैं।

औद्योगिक नगरी की ओर बढ़ा कदम :

वहीं दूसरी ओर बरही नए औद्योगिक नगरी के रूप में भी कदम बढ़ा रहा है। उद्योग धंधा लगाने के लिए बरही का क्षेत्र यातायात, बिजली, पानी श्रमिक, सुरक्षा हर ²ष्टिकोण से काफी उपयुक्त है। बरही के कोनरा में रियाडा-जियाड़ा द्वारा अर्जित भूमि पर उद्योग धंधा लगना शुरू हो गया हैं।

तैयार हो रहा एचपीसीएल का बॉटलिग प्लांट :

हिदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) गैस की बॉटलिग प्लांट निर्माण कार्य को बरही में मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसका शिलान्यास 7 सितंबर 2019 को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री द्वारा किया गया था। यह रियाडा अर्जित भूमि पर लगभग 26 एकड़ की जमीन में किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां सालाना एक लाख 20 हजार (120 टीएमटी) रिफिल किया जाएगा। इस प्लांट में 1050 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता और 45000 सिलेंडर/ प्रतिदिन की रिफिलिग क्षमता के साथ हजारीबाग जिला सहित कोडरमा, गिरिडीह, चतरा, पलामू, देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज व पाकुड़ में एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। निर्माण बाद यह क्षेत्र उद्योग के रूप में विकसित होगा। इस रियाडा अर्जित भूमि पर राधे गोपाल स्टील प्लांट, जीएसवी स्टील प्लांट शुरू कर दिया गया। साथ ही श्रेष्ठ स्टील प्लांट एवं पवनपुत्र स्टील प्लांट नामक स्टील प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसके अलावे प्लास्टिक पाइप उत्पादन का उद्योग भी यहां शुरू कर दिया गया है। पवन पुत्र कंपनी द्वारा प्लास्टिक बोरा निर्माण के लिए भी उद्योग लगाने को जमीन लिया है। इस भूमि पर टाटा मोटर्स, पेट्रोल पंप आदि भी लगाए जा चुके हैं। यहां झारखंड विद्युत विभाग ने भी अपना सब स्टेशन तैयार किया है। बरही प्रखंड में केंद्र सरकार की इंडस्ट्रियल कॉरिडोर योजना भी प्रस्तावित है।

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