विश्वकर्मा और करम पूजा आज, तैयारी पूरी
प्रकृति पर्व करम और शिल्पकार के देवता की आज होगी पूजा-अर्चना दोनों त्योहार को लेकर जिले के
प्रकृति पर्व करम और शिल्पकार के देवता की आज होगी पूजा-अर्चना
दोनों त्योहार को लेकर जिले के लोगों में है उत्साह
संवाद सूत्र चरही( हजारीबाग): झारखंड की प्रकृति पूजा कर्मा और विश्व की रचना करने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा वर्षों बाद एक ही दिन मनाए जा रहे हैं। भाई - बहन के प्रेम के प्रतीक कर्मा पूजा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े ही तैयारी के साथ की जाती है। बहने इस त्योहार को निर्जला एकादशी की उपवास करती हैं। देर शाम को अखरे में करम डाल को बड़े ही विधि - विधान के साथ पूजन करती हैं। एक सप्ताह पूर्व से अखरे में जावा जगाया जाता है। करम की गीत के साथ नृत्य करती हैं।आज रात में करम डाली के नीचे अंकुरित चना,खीरा, फल फूल और काशी घास से बनाए गए आभूषण चढ़ाकर पूजन करेंगी। पूजन के बाद सारी रात उत्सवी माहौल के बीच मांदर की थाप पर झूमर नृत्य का आनंद लोग लेते हैं। दूसरे दिन सुबह से देर शाम तक करम डाल की विसर्जन भी नाचते गाते हुए किया जाएगा। विश्वकर्मा पूजा:-
कोयलांचल में भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी इस बार काफी फीकी देखने को मिल रही है। कभी आज के दिन ट्रांसपोर्टरों के घर के दरवाजे पर नए ट्रकों समेत अन्य गाड़ियों की शोभा लगी रहती थी। दूसरे वर्ष भी कोरोना की मार के कारण पुराने ट्रकों की महीनों से खड़े कतार देखने को मिल रहे हैं। ट्रक मालिकों को ट्रकों की बुकिग नही मिल रहे है। बैंकों के किस्त फेल हो जाने से सबसे घाटे का सौदा ट्रांसपोर्ट लाइन माना जा रहा है। भगवान विश्वकर्मा की औपचारिक पूजा किए जा रहे हैं। सीसीएल के वर्कशॉप और आउट सोर्सिंग कंपनियों द्वारा भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजन की तैयारी किए गए हैं।