घर-घर जाकर करें यक्ष्मा रोगियों की पहचान : सिविल सर्जन

यक्ष्मा उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन एवं सफलता को लेकर कार्यशाला का आयोजन संस हजारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:36 PM (IST)
घर-घर जाकर करें यक्ष्मा रोगियों की पहचान : सिविल सर्जन
घर-घर जाकर करें यक्ष्मा रोगियों की पहचान : सिविल सर्जन

यक्ष्मा उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन एवं सफलता को लेकर कार्यशाला का आयोजन

संस, हजारीबाग : राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सक्रिय यक्ष्मा रोगियों की पहचान करने के उद्देश्य से प्रस्तावित अभियान की सफलता के लिए सिविल सर्जन सभागार में मंगलवार को उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ एस पी सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग यक्ष्मा उन्मूलन व संक्रमित व्यक्ति के समुचित ईलाज के लिए कृतसंकल्पित है। इस अभियान में संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसका उपचार शुरू कर , संक्रमण को न्यूनतम स्तर पर ले जाना, समुदाय को जागरूक करना प्राथमिक उद्देश्य है। दिनांक 02 सितंबर से 01 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सक्रिय यक्ष्मा रोगियों की पहचान करेंगे। मौके पर मौजूद डीटीओ डा. जायसवाल ने कहा कि यक्ष्मा लाइलाज बीमारी नहीं है, परन्तु इस बीमारी का सही ढंग से ईलाज नहीं करने पर जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए रोगियों को नियमित रूप से दवा का सेवन एवं जाँच कराते रहना चाहिए। उन्होंने यक्ष्मा उन्मूलन में सामाजिक सहभागिता पर बल देते हुए अपील की कि समाज के तरफ से मरीजों को हेय ²ष्टि से न देखा जाय एवं उन्हें ईलाज कराने के लिए प्रेरित किया जाय। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 60 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहिया, वोलेंटियर •िाला की लगभग 21 लाख जनसंख्या के न्यूनतम आधी आबादी को घर घर जाकर यक्ष्मा के सामान्य लक्षणों जैसे दो या दो सप्ताह से अधिक समय से खाँसी, लम्बे समय से बुखार, रात में पसीना आना, व•ान कम होना आदि को पहचान करने का कार्य किया जाएगा। संदिग्ध मरी•ाों या लक्षणों के आधार पर सैंपल संग्रहण व जाँच सहित समुचित ईलाज, मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के यक्ष्मा इकाई के द्वारा किया जाएगा। साथ ही रोगियों के उपचार के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए की सहायता राशि लाभुक को प्रतिमाह दी जाएगी।

कार्यशाला में जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला मलेरिया पदाधिकारी, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, एसबीएमसीएच के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी