बिना फायर आडिट व एनओसी के चले रहे निजी अस्पताल

बाटम सुरक्षा नियमों की अनदेखी से हो सकती है दुर्घटनाएं जा सकती है जान रमण कुमार हजारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:14 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:14 PM (IST)
बिना फायर आडिट व एनओसी के चले रहे  निजी अस्पताल
बिना फायर आडिट व एनओसी के चले रहे निजी अस्पताल

बाटम

सुरक्षा नियमों की अनदेखी से हो सकती है दुर्घटनाएं, जा सकती है जान

रमण कुमार, हजारीबाग : जिले में निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल की संख्या सौ से कुछ अधिक ही होगी। लेकिन इनमें अधिकांश नर्सिंग होम- अस्पतालों का संचालन अग्निशमन विभाग से बिना फायर ऑडिट कराए और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए ही किया जा रहा है। जानकारों की माने तो निजी नर्सिंग होम या अस्पताल के क्लिनिकल एस्टेबलिस्मेंट एक्ट में निबंधन के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर अनिवार्य अर्हता है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अब तक बिना अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए सिर्फ आवेदन की प्रति के आधार पर ही स्वास्थ्य विभाग से संस्थान को निबंधित कर दिया जाता रहा है। इस कारण निजी नर्सिंग होम या अस्पतालों के संचालक अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की जहमत उठाने से बचते रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों निजी अस्पताल में आग लगने के कारण हुई मौत को लेकर हाइकोर्ट के द्वारा लिए गए संज्ञान के बाद पुलिस उप महानिरीक्षक, गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन के द्वारा उपायुक्त के माध्यम से फायर ऑडिट को लेकर सख्त निर्देश दिया गया है। मिले निर्देश के मुताबिक जिला के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र लेना सुनिश्चित कराना है। हालांकि मुख्यालय से पत्र प्राप्त होने के बाद जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का फायर ऑडिट कर उन्हें अग्निशमन विभाग के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है। लेकिन निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के द्वारा अब तक फायर ऑडिट नहीं कराया गया है। बताते चलें कि फायर आडिट के तहत अग्निशमन विभाग को यह जांच करता है कि अस्पतालों में आगजनी से बचाव के लिए क्या-क्या साधन उपलब्ध हैं। यदि साधन उपलब्ध नहीं है तो आगजनी से बचाव को लेकर क्या-क्या उपाय किया जाना है। गौरतलब है कि जिले के अधिकांश अस्पतालों में आगजनी से बचाव के नाम पर सिर्फ कुछ फायर एक्सटिग्विशर लगा दिए जाते हैं।

क्या है प्रावधान

अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी नर्सिंग होम या अस्पताल में आगजनी से बचाव के लिए ओवर हेड पंप होना चाहिए। साथ ही हर 30 मीटर की दूरी पर राइजर और अस्पताल के हर फ्लोर पर डिलिवरी आउटलेट होना चाहिए।

---------------------------------------------------पक्ष

विगत कुछ दिनों से निजी नर्सिंग होम अस्पतालों के द्वारा फायर ऑडिट कराने एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया है। कुछ संस्थानों को अनापत्ति प्रमाण पत्र विभाग से जारी कर दिया गया है। बाकी नर्सिंग होम अस्पतालों का फायर ऑडिट किया जा रहा है।

उत्तम महतो, प्रभारी अग्निशमालय पदाधिकारी , हजारीबाग।

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