ग्रामीण बच्चों को जूम एप से जोड़ा

फोटो - 13 शिक्षक दिवस पर विशेष हथिया मध्य विद्यालय के अशेश्वर बच्चों के बीच हैं लोकप्रिय ब

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 09:12 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 09:12 PM (IST)
ग्रामीण बच्चों को जूम एप से जोड़ा
ग्रामीण बच्चों को जूम एप से जोड़ा

फोटो - 13

शिक्षक दिवस पर विशेष हथिया मध्य विद्यालय के अशेश्वर बच्चों के बीच हैं लोकप्रिय

बाइक की हार्न सीन दौडे आते हैं बच्चे : शशि शेखर,चौपारण (हजारीबाग): ग्रामीण क्षेत्र में कई शिक्षक हैं जो बेहतर माहौल बना कर बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा तो दे ही रहे हैं( साथ ही अभिभावकों को भी शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने में मोटिवेट कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षक हैं उत्क्रमित मध्य विद्यालय हथिया के अशेश्वर प्रजापति। दरअसल अपने स्थापना के बाद से ही शिक्षक ने विद्यालय की पूरी आबोहवा बदल दी। साथ ही बच्चों को भी काफी बेहतर ढंग से शिक्षा के प्रति जागरूक किया। आलम यह है कि बच्चे जैसे ही उनके बाइक का हॉर्न सुनते हैं उनके समीप आ जाते हैं। कोरोना काल के बाद जब बच्चों को डिजिटल शिक्षा दी जाने लगी तो बेहद ग्रामीण और सुदूर इलाके के बच्चों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए इन्होंने बेहतर प्रयास किया। इसका परिणाम यह हुआ कि विद्यालय के 60 प्रतिशत बच्चे जूम एप से जुड़ कर तथा टीवी आदि के माध्यम से डीजी स्कूल एप के तहत पढ़ाई आरंभ रखी । शिक्षक ने विद्यालय में हर शनिवार को क्विज डे का शुरुआत की। आज यह क्विज ऑनलाइन भी लिया जा रहा है। बच्चों को वर्क बुक के माध्यम से अतिरिक्त शिक्षा दी जा रही है तथा गांव में बेहतरीन माहौल का सृजन किया गया है। यही नहीं शिक्षक ने विद्यालय के चारदीवारी निर्माण में भी काफी पत्राचार करवाकर स्थानीय प्रतिनिधि से उसे बनवाया। वर्ष 2016 से विद्यालय में पदस्थापित होने के बाद उन्होंने लगातार अभिभावकों को प्रेरित किया। इनके आने से पूर्व विद्यालय में बहुत कम बच्चे अध्ययनरत थे परंतु उन्होंने घर-घर घूमकर अभिभावकों और बच्चों को प्रेरित किया। लिहाजा वर्तमान में विद्यालय में कुल 161 बच्चे हैं जिन्हें केवल एक अन्य सहयोगी शिक्षक गोविद रविदास के साथ मिलकर बच्चों को लगातार बेहतर शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। विद्यालय में किचन गार्डन का भी निर्माण किया गया है। इनके बेहतर कार्यशैली से प्रभावित होकर हजारीबाग डीएसई तथा पिरामल संस्था के प्रमुख ने भी विद्यालय भ्रमण के पश्चात विद्यालय के शैक्षणिक प्रबंधन को देखकर तथा गतिविधि को देखकर काफी प्रभावित हुए।

गांव के अधिकांश अभिभावक मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में कार्यरत हैं लिहाजा उनके बच्चे गांव में रहकर बेहतर करने की प्रेरणा शिक्षक से ले रहे हैं। यही वजह है कि सभी अभिभावक जब गांव लौटते हैं तो शिक्षक से मिलकर बच्चों के शिक्षा को लेकर काफी दिलचस्पी लेते हैं। गांव में शिक्षक के प्रति गहरा सम्मान है।

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