हाथियों के झुंड ने ली चाय दुकान संचालक की जान

बाटम दर्जनों घर तोड़ व फसल रौंद चुके है गजराज वन विभाग साधे है चुप्पी रास्ता भटकने के ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:38 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:38 PM (IST)
हाथियों के झुंड ने ली चाय दुकान संचालक की जान
हाथियों के झुंड ने ली चाय दुकान संचालक की जान

बाटम

दर्जनों घर तोड़ व फसल रौंद चुके है गजराज, वन विभाग साधे है चुप्पी

रास्ता भटकने के बाद बरकटठा पहुंचा है हाथियों का दल

संसू, बरकट्ठा (हजारीबाग) : पिछले दो दिनों से प्रखंड क्षेत्र में आतंक मचा रहे गजराजों ने गुरुवार अहले सुबह एक चाय दुकान की जान ले ली। हाथियों ने सुबह करीब पांच बजे प्रखंड के कपका पंचायत निवासी 45 वर्षीय तालेश्वर यादव पिता लोकन यादव को अहले सुबह कुचल कर मार डाला। तालेश्वर चौक पर अपनी चाय दुकान खोलने पहुंचे थे और हाथियों का शिकार बन गए। ।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तालेश्वर यादव को होटल खोलने के क्रम में हाथियों ने कुचल डाला जिससे घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 2 दिनों से बरकट्ठा व चलकुसा के मनैया के अलावे कई गांव में हाथी घूम रहे। कपका चौक पर हाथियों ने तालेश्वर को दौड़ा कर पकड़ा और मक्का के खेत में पैरो से रौंद कर जान ले ली। हाथियों द्वारा कुचल कर जान लेने की खबर आग की तरह फैल गयी। सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच कर हाथी और वन विभाग को कोसने लगे। मौत की सूचना पर बरकटठा विधायक अमित कुमार यादव घटनास्थल पहुंच कर जायजा लिया । पीड़ित परिवार वालों को ढाढस बंधाते हुए वन विभाग द्वारा मुआवजा दिलवाने की बात कही । ग्रामीणों की सूचना पर घटनास्थल पहुंचकर वन विभाग के पदाधिकारी भी पहुंचे। पूर्व विधायक जानकी यादव भी घटनास्थल पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। मौके पर जिप सदस्य कुमकुम देवी, रीतलाल प्रसाद वर्णवाल,अशोक वर्णवाल ,रघुवीर प्रसाद ,कुलदीप प्रसाद, कामेश्वर प्रसाद ,अनिल प्रसाद समेत सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे।

गिरिडिह के रास्ते विष्णुगढ़ में प्रवेश करते है गजराज

हाथी अपने निर्धारित मार्ग पर हीं विचरण करते है। ये दुमका से चलकर जामताड़ा, गिरिडिह होकर विष्णुगढ़ में प्रवेश करते है। इसके बाद ये चुरचू होकर बड़कागांव और वहां से लातेहार की ओर चले जाते है। परंतु जब भी यह रास्ता भटकते है तो वे बरकटठा की ओर चले जाते है। इस दौरान ये भारी तबाही मचाते है। चार माह पूर्व भी ये रास्ता भटक कर बरकटठा क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे। इस दौरान भारी तबाही मचाया था। जानकार बताते है कि इनके कॉरिडोर में मनुष्य का हस्तक्षेप हो रहा है। जिसका कारण ये अपना मार्ग भूल जाते है ओर उसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

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