कंप्यूटर पर अपनी भाषा में काम करना आत्मसम्मान द्योतक

डीवीसी हजारीबाग परियोजना में हुई राजभाषा तकनीकी पर कार्यशाला राजभाषा विभाग के कार्यो क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:58 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:58 PM (IST)
कंप्यूटर पर अपनी भाषा में काम करना आत्मसम्मान द्योतक
कंप्यूटर पर अपनी भाषा में काम करना आत्मसम्मान द्योतक

डीवीसी हजारीबाग परियोजना में हुई राजभाषा तकनीकी पर कार्यशाला

राजभाषा विभाग के कार्यो को सराया, हिंदी को बढ़ावा देने पर जोर

जासं, हजारीबाग : डीवीसी हजारीबाग परियोजना में शनिवार को राजभाषा तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय कुछ उपयोगी हिन्दी ई टूल्स और कार्यालयीन कार्यों में उनका अनुप्रयोग था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि परियोजना के उप मुख्य चिकत्सा अधिकारी डॉ. आईके सिन्हा थे। विशिष्ट अतिथियों में प्रिया कुमार रंजन, उप प्रबंधक (वित्त), डॉ. संज्ञा दास, शंभु वर्णवाल, आरएल प्रसाद थे। मुख्य अतिथि ने राजभाषा अनुभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना करते हुए आगे भी इसी तरह की कार्यक्रमों को आयोजित करने की कामना की जिससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिन्दी में कार्यालयीन कार्य करने का उत्साह बना रहे और सभी कार्यालयीन कार्य हिन्दी में होता रहे। कार्यशाला का संचालन विश्वजीत मजुमदार, प्राध्यापक, हिन्दी शिक्षण योजना, भारत सरकार, दुर्गापुर के द्वारा किया गया। उन्होंने हिन्दी के तकनीकी महत्व पर बताते हुए कहा कि कम्पूयटर पर अपनी भाषा में काम करना आत्मसम्मान द्योतक होता है इससे कार्य करने में काफी सहुलियत होती है। दुनिया के तकनीकी रूप से सभी समृद्ध देशों के कम्प्यूटर और मोबाईल पर वहाँ की अपनी भाषा में कार्य किया जा रहा है। हमारे देश में भी राजभाषा विभाग ने तकनीकी क्षेत्र में यूनिकोड के माध्यम से हिन्दी एवं अन्य भाषाओं को सहज एवं सरल बना दिया है। परिभाषिक शब्दावली आयोग के द्वारा 5 लाख से अधिक शब्दों का मानकीकरन किया जा चुका है। कोविड-19 के महामारी के दौरान तकनीकी क्षेत्र के सफलतापूर्वक प्रयोग के चलते अब हमलोग कई नये सॉफ्टवेयर के कारण बोलकर भी हिन्दी में टाईप कर रहे हैं और हिन्दी भाषा को सशक्त बना रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान राहुल रंजन, जॉन भुईंया, कृपा शंकर सिन्हा, अम्बुज मंडल, एसके भद्रा, संदीप पाल, नीलू रजक, ओंकार नाथ, कमलेश नारायण, धीरज कुमार, अरविद कुमार, संजय कुजूर, मदन कुमार, शंकर सिंह, रवि उराँव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जितेंद्र झा ने किया । कार्यशाला के आयोजन में सुनील कुमार, सुगातो घोष, कंचन कुमार सिंह, अरूण कुमार सिंह और गणेश बाबा की महती भूमिका रही।

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