ं तीन साल पहले बने शौचालय का नहीं हो रहा इस्तेमाल

लीड------------- चौपरण में झाडि़यों से घिरा शौचालय खुले में मल-मूत्र त्यागने को विवश हैं ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:29 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:29 PM (IST)
ं तीन साल पहले बने शौचालय का नहीं हो रहा इस्तेमाल
ं तीन साल पहले बने शौचालय का नहीं हो रहा इस्तेमाल

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चौपरण में

झाडि़यों से घिरा शौचालय, खुले में मल-मूत्र त्यागने को विवश हैं लोग

शशि शेखर,

चौपारण: खुले में शौच को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से मिशन चलाकर हर घर में शौचालय का योजना लागू की थी। शौचालय की उपयोगिता इतनी बढ़ गई की हर घर में शौचालय के साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी अनेक शौचालय बनाए गए। इसके एवज में सरकार की मोटी रकम शौचालय निर्माण में लगे। परंतु विभाग की निष्क्रियता और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज भी अनेक ऐसे शौचालय बंद पड़े हैं जिनका इस्तेमाल नहीं कर लोग खुले में मल मूत्र त्यागने को विवश हो गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल जिले के सबसे बड़े प्रखंड चौपारण के मुख्यालय परिसर का है। प्रखंड मुख्यालय के पास बीते 3 साल पूर्व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना अंतर्गत लाखों की लागत से महिला व पुरुष वर्ग के लिए अलग-अलग सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया । परंतु विडंबना यह है कि 3 साल बीतने के बाद भी आज तक इस शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया जा सका। शौचालय भवन का उद्घाटन ही नहीं किया गया। बल्कि हर वक्त इस पर ताला लटकता नजर आता है। शौचालय के इस्तेमाल नहीं होने की वजह से पूरे परिसर में झाड़ियां तथा गंदगी का अंबार लगा हुआ है जबकि मुख्यालय परिसर से सटे ही सब्जी बाजार लगता है। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। साथ ही प्रतिदिन मुख्यालय में बड़ी संख्या में लोग अंचल व प्रखंड के कामों को लेकर जुटते हैं। दरअसल प्रखंड भवन नया बनने के बाद परिसर की उचित देखरेख नहीं की जा रही है। सरकारी कर्मी नये बडे़ भवन में बने शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा सब्जी बाजार अथवा मुख्यालय में आने वाले हर व्यक्ति आपात स्थिति में खुले में मूत्र त्यागने को विवश हो गए हैं। सबसे बुरा हाल महिलाओं का हो जाता है। सब्जी बाजार में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में केवल महिलाएं क्रेता व विक्रेता के रूप में जुटते हैं।

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