सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर जिला प्रशासन सख्त, लगाया बोर्ड

लंबे समय से होती रही है सरकारी भूमि की खरीद-बिक्री चूरचू अंचल के सीओ ने कहा नहीं होने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 09:09 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 09:09 PM (IST)
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर जिला प्रशासन सख्त, लगाया बोर्ड
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर जिला प्रशासन सख्त, लगाया बोर्ड

लंबे समय से होती रही है सरकारी भूमि की खरीद-बिक्री

चूरचू अंचल के सीओ ने कहा, नहीं होने देंगे गलत होगी कार्रवाई

संसू, चरही( हजारीबाग): चुरचू अंचल क्षेत्र में सरकारी भूमि, वन भूमि, गैरमजुरूआ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा की खबर आए दिन आती रही है। इससे अंचल का चरही मौजा भी अछूता नहीं है। बल्कि यह कहा जा सकता है कि जितनी जमीन की अवैध रूप खरीद- बिक्री चरही में हो रही है, उतना और कहीं नहीं हुई। एनएच 33 के किनारे चरही घाटी के नीचे से लेकर ओवरब्रिज, रेलवे स्टेशन से लेकर इंद्रा एनएच 33 के किनारे तक भू माफियाओं की नजर बनी रही। जिसतरह सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है, इसे देखकर जिला प्रशासन भी हाल के दिनों में सख्त हुआ है। उपायुक्त के निर्देश पर चरही के एक बड़े भू खंड पर बोर्ड लगाने की जरूरत पड़ गई है। दरअसल चरही मौजा के थाना नंबर 21 खाता नंबर 48 प्लॉट नंबर 16 कूल रकबा 61.40 एकड़ गैरमजुरुआ खास, किस्म जंगल है। पिछले कुछ वर्षों से उक्त जमीन की खरीद-बिक्री का कार्य कुछ लोगों द्वारा हो रहा था। इसे जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी करते हुए उपरोक्त वर्णित भूमि की खरीद- बिक्री अथवा किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य या कृषि कार्य करना गैरकानूनी कर दिया गया है। हालांकि सच्चाई यह है कि इस बड़े प्लॉट का हिस्सा अब तक कई लोगों के नाम किया जा चुका है। जबसे वर्ष 2000 के आस-पास रजिस्टर टू की चोरी हुई है, तबसे चरही और आस पास के सरकारी जमीन की लूट होती रही है। इस प्लॉट के अलावा अन्य कई जगहों की भूमि को बेचा जा चुका है। यह सब भू माफियाओं और अंचल के कुछ कर्मियों की सांठ -गांठ का परिणाम है। सरकारी और वन भूमि पर गिद्ध ²ष्टि तब से होना अधिक किया गया, जब से चुरचू से अलग होकर डाड़ी को प्रखंड बनाया गया। डाडी को अलग होने से चुरचू में मात्र आठ पंचायतों वाला प्रखंड रह गया। छोटा प्रखंड होने के कारण अधिकांशत: बीडीओ ही अंचल का कार्य भी संभालते आए। बीडीओ तो सीओ का अतिरिक्त भार लेते तो जरूर थे, भूमि संबंधी कार्य करने में समय नहीं देना चाहते थे। यही मौका भू- माफियाओं को मिलता गया। नतीजा चरही का नक्शा ही बदल चुका है। काफी अरसे के बाद चुरचू में अंचल अधिकारी की पोस्टिग हुई है। जब वर्तमान सीओ ने सरकारी जमीन की सुध लेना शुरू किए तो सच्चाई उजागर होने लगी हैं। नए सीओ से लोगों को काफी उम्मीद जगी है। देखना है भूमि की अवैध खरीद बिक्री रोक पाने में वर्तमान सीओ शशि भूषण सिंह कितना सफल हो पाते हैं। खाता नंबर 48 प्लॉट नंबर 16 कुल रकबा 61.40 एकड़ भूमि के ऊपर प्रशासन द्वारा लगाए गए बोर्ड से दर्जनों खरीदने वाले लोग अब उन लोगों को खोजे हुए चल रहे हैं, जिनके द्वारा उक्त भू खंड से बिक्री की गई है।

क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

मेरे रहते अब गलत नहीं हो पाएगा। हमारी नजर उन भूमि पर है जिसे लोगों ने गलत तरीके से खरीद बिक्री की है। अगला कदम परियोजना उच्च विद्यालय की जमीन को भी मापी कराना है। स्कूल की जमीन 5 एकड़ होनी चाहिए जो नहीं है

शशि भूषण सिंह, सीओ चूरचू

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