शिक्षक हैं समाज में बदलाव के वाहक

फोटो -8 ब्रेन ड्रेन रोककर शिक्षा के नए प्रयोगों से समाज को अवगत कराएं सुनील अंबेकर संस

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:11 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:11 PM (IST)
शिक्षक हैं समाज में बदलाव के वाहक
शिक्षक हैं समाज में बदलाव के वाहक

फोटो -8

ब्रेन ड्रेन रोककर शिक्षा के नए प्रयोगों से समाज को अवगत कराएं : सुनील अंबेकर

संस, हजारीबाग : अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला शनिवार को संकल्प के साथ संपन्न हो गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में ''प्रिट मीडिया और शिक्षक संगठन'' विषय पर अंग्रेजी साप्ताहिक ऑर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने संबोधित किया। कहा कि प्रिट मीडिया की विश्वसनीयता देशवासियों की मानसिकता है। देशवासियों का मानना है कि इसमें जो समाचार प्रकाशित हो रहा है वह सही है। कार्यकर्ता प्रशिक्षण पर जोर दिया। संचालन मीडिया टोली सदस्य प्रो. सुभाष अठावले ने किया। दूसरे सत्र में ''इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभावी उपयोग'' विषय पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश संबोधित किया। कहा कि शिक्षा जगत से जुड़े विषयों की सूची बनाना, टेलीविजन मीडिया तक अपनी पहुंच बनाकर अपनी राय प्रकट करना एवं नकली मुद्दों पर काउंटर कर सत्य को समाज तक ले जाने का काम करे। मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने प्रस्तावना रखते हुए समाचार माध्यमों की महत्ता एवं संगठन हित के लिए समाचार माध्यमों के सदुपयोग पर गहराई से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में सरस्वती वंदना महासंघ के बसंत जिदल ने एवं संगठन गीत महासंघ के देवकृष्ण व्यास ने प्रस्तुत किया। समारोप सत्र को

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने संबोधित किया। उन्होंने भारत की संस्कृति , इतिहास, शिक्षा में हो रहे नए परिवर्तनों को सही तरीके से मीडिया के माध्यम से पहुंचाने की अपील की। शिक्षकों को समाज हित के विषयों पर लेख लिखकर उन्हें सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, ब्लॉग, राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने की बात कहीं है। कहा कि भारत आधारित विषयों पर कंटेंट तैयार कर उसे मीडिया के माध्यम से सही तरीके से समाज के बीच प्रस्तुत करना चाहिए। अध्यक्ष प्रो.जेपी सिघल ने कहा कि मीडिया के विविध आयामों से कार्यकर्ताओं में समझ विकसित करने पर जोर दिया। कहा कि सोशल मीडिया पर खड़े प्रश्नों के काउंटर जवाब देने की बजाय अधिक से अधिक प्रश्न खड़े करने चाहिए। ट्विटर हमेशा विश्लेषण देता है, इसलिए ट्विटर से ही कार्यारंभ करना चाहिए। झारखंड से प्रदेश महामंत्री डॉ ब्रजेश कुमार , संगठन मंत्री डॉ राजकुमार चौबे, केंद्रीय मीडिया टोली के सदस्य डॉ अजय सिन्हा , झारखंड मीडिया प्रमुख डॉ संजय प्रियंवद , डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी , बीएन सिंह , डॉ अभिषेक कुमार गुप्ता ,डॉ रुपम श्रीवास्तव एवं डॉ राजेश पांडेय उपस्थित थे।

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