वेबिनार में बैंकों के राष्ट्रीयकरण व निजीकरण चर्चा

फोटो -2 बैंकों का निजीकरण समय की मांग यह जनहित और राष्ट्रहीत भी डा. अजय संस हजार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:07 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:07 PM (IST)
वेबिनार में बैंकों के राष्ट्रीयकरण व निजीकरण चर्चा
वेबिनार में बैंकों के राष्ट्रीयकरण व निजीकरण चर्चा

फोटो -2

बैंकों का निजीकरण समय की मांग, यह जनहित और राष्ट्रहीत भी : डा. अजय

संस, हजारीबाग : वैज्ञानिक कुलपति डा. मुकूल देव नारायण का प्रयास रंग लाने लगा है। सचिवालय से लेकर संबंधित संस्थान अब तकनीक की उपयोगिता का लाभ लेने लगे है। आंनलाईन कक्षाओं के साथ साथ अब विभावि के विभिन्न शैक्षणिक संस्थान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वेवीनॉर का आयोजन कर रहे है। इसी कड़ी में शनिवार को युनिवर्सिटी लॉ कॉलेज ने भी ज्वलंत मुद्दा बैंकों का राष्ट्रीय करण एवं निजीकरण पर एक राष्ट्रीय वेबीनॉर का आयोजन किया। युनिवर्सिटी लॉ कॉलेज प्राचार्य डा. जयदीप सान्याल ने इसका संचालन किया। वहीं वक्ता के रुप में प्रो.डा.अजय कुमार (डीन फ्केलटी आंफ लॉ, चाणक्य नेशनल लॉ युनिवर्सिटी) के रुप में शामिल हुई। शिक्षकों के साथ साथ कानूनविद और छात्र इस परिचर्चा में शामिल हुए। मुख्य वक्ता डा.अजय ने अपने संबोधन में बैकों को नीजीकरण और राष्ट्रीय करण समय की मांग होने की बात कहीं। बताया कि जन को लाभ देने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण और सुविधा को लेकर निजीकरण नितांत आवश्यकता है। अन्य वक्ताओं ने भी सकारात्मक और नकारात्मक पहलु पर अपने विचार रखे। प्राचार्य प्रो. जयदीप सान्याल ने विषय प्रवेश कराते हहुए बैंक, राष्ट्रीयकरण और निजीकरण पर विस्तार से जानकारी दी। बताया कि वेबीनॉर का आयोजन महामारी के दौर में विद्यार्थियों की शिक्षा को प्राथमिकता और ज्वलंत मु्द्दे पर प्रकाश डालना है। वक्ताओं ने बैंकों का आर्थिक सुधार की प्रक्रिया, बैंकों के राष्ट्रीयकरण एवं निजीकरण में अंतर स्पष्ट किया । वेबीनॉर में

कॉलेज के शिक्षक लक्ष्मी सिंह, चितरंजन किस्पोट्टा, उर्मिला कुमारी,

सुभाजित चक्रवर्ती, निवेदिता श्री सहित अन्य शामिल हुए।

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