तिलकोत्सव से पहले सर्पदंश से युवक की मौत

लीड----------- तंत्रमंत्र के कारण इलाज में हुई देर टाटीझरिया प्रखंड के धरमपूर की घटन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:15 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:15 PM (IST)
तिलकोत्सव से पहले सर्पदंश से युवक की मौत
तिलकोत्सव से पहले सर्पदंश से युवक की मौत

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तंत्रमंत्र के कारण इलाज में हुई देर

टाटीझरिया प्रखंड के धरमपूर की घटना संसू, टाटीझरिया (हजारीबाग) : धरमपुर गांव निवासी 26 वर्षीय कामेश्वर महली (पिता करमचंद महली) की मृत्यु गुरुवार की देर रात सर्पदंश की वजह से हो गई। जानकारी के अनुसार युवक का शुक्रवार को तिलकोत्सव होना था। उसकी शादी बोकारो जिला के तुपकाडीह में होनेवाली थी। मौत की खबर से लड़का के घर में कोहराम मच गया तो दूसरी ओर लड़की के घर में भी लोग गम में डूब गए। बताया गया कि गुरुवार की रात लड़का प्रतिदिन की भांति रात को छत पर सोया हुआ था। अचानक बारिश होने लगी और वह नीचे उतरकर बरामदे में सो गया। तभी उसके कमर में करैत सांप ने आकर डस लिया। उसके लहर की वजह से नींद खुली और वह घुमा तो फिर से सांप ने उसे दूसरे स्थान पर डंसा, इस प्रकार उसे कमर में ही तीन जगह पर सांप ने डंस लिया। उसने सबों को जगाया। उसके घर वाले साँप को पकड़कर बोरे में कैद कर लिया। इसी बीच सांप का विष शरीर से निकालने के लिए झाड़-फंक रात को ही शुरू कर दिया गया। जब लड़के की हालत काफी बिगड़ने लगी तब उसे हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे सलाईन भी चढ़ाया गया, दवा दी गई, बावजूद इसके उसे नहीं बचाया जा सका। उसके शरीर में सांप का विष फैल चुका था। युवक की लाश घर आते ही घर में उसकी मां, चाची व भाभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। लड़का चार भाइयों में से सबसे छोटा था। वह मुम्बई में रहकर जीविकोपार्जन करता था। दो माह पूर्व ही शादी करने के लिए घर आया था और काल के गाल में समा गया।

----------------- साइड स्टोरी -

गांव-देहात में अब भी लोग ओझा-गुणी पर करते हैं विश्वास झाड़-फूंक के चक्कर में जाती है लोगों की जान

मिथिलेश पाठक, टाटीझरिया(हजारीबाग) : आज विज्ञान इतनी तरक्की कर गया कि इसके सहारे लोग अंतरिक्ष की यात्रा कर रहें हैं,चांद पर पहुंच गए हैं। ऐसे में अब भी लोग गांव -देहात में ओझा-गुणी, झाड़-फूंक पर विश्वास करते हैं। इसी के चक्कर में लोगों की जान चली जाती है। धर्मपुर निवासी 26 वर्षीय कामेश्वर महली पिता करमचंद महली की जान भी ओझा-गुणी के ही चक्कर में गई। कामेश्वर को सांप ने डस लिया था। आसपास के लोग व घर वाले अब भी दकियानूसी विचारधारा से ओतप्रोत हैं। उन्होंने सोचा कि यह सांप किसी दुश्मन का भेज गया दूत है। ऐसे में यदि झाड़-फूंक किया जाएगा तो यह ठीक हो जाएगा। कोई कहता है कि फलां जगह ़फ्लान व्यक्ति को सांप ने डंस लिया था। उसे झाड़-फूंक करने के बाद सांप ने उसे जीवन दान दे दिया था। इसी विश्वास पर लोग रह गए।गुणी को बुलाया गया।घण्टों गीत-वंदन किया गया। परिणाम यह हुआ कि युवक की हालत और भी बदतर हो गई ।तब उसे अस्पताल ले जाया गया। इससे सिख लेने की जरूरत है। यदि युवक को सीधे अस्पताल ले जाया गया होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

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