बहोरनपुर से मूर्ति चोरी करने वालों की जमानत खारिज
21 मार्च को चोरी गई थी प्रतिमा रांची से हुई थी बरामद सरकारी अधिवक्ता मनोज कुमार के दलील
21 मार्च को चोरी गई थी प्रतिमा, रांची से हुई थी बरामद
सरकारी अधिवक्ता मनोज कुमार के दलीलों पर कोर्ट ने लगाई मुहर
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : जिला सत्र एवं प्रधान न्यायाधीश अरुण कुमार राय ने 21 मार्च को सदर प्रखंड के बहोरनपुर से बौद्ध पुरातात्विक स्थल से प्रतिमा चोरी करने वाले आरोपियों का जमानत याचिका खारिज कर दी है। चोरी मामले में छह आरोपित गिरफ्तार किए गए थे। इनमें तीन प्रमुख आरोपित यतीश कुमार, संजय अग्रवाल और प्रेम शंकर सिंह उर्फ बंटू ने तीन अलग-अलग जमानत याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने जमानत याचिका पर बहस के दौरान सख्त टिप्पणी भी की। सरकारी अधिवक्ता सह अपर लोग अभियोजक मनोज कुमार ने राज्य सरकार की ओर से बहस पूरी करते हुए जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया और ऐसे लोगों को अधिक से अधिक दिन जेल में रखने की बात कहीं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने पूरी मजबूती के साथ अपनी दलीलों को कोर्ट के समक्ष रखा। मनोज कुमार के जमानत याचिका का पुरजोर तरीके से विरोध दलील, तर्कों और डायरी में आए साक्ष्यों के आधार पर जमानत नहीं देने की गुहार लगाई। दोनों पक्षों की दलील ओर तर्क सुनने के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार राय ने शनिवार को तीनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार और बहोरनपुर में पुरातात्विक विभाग के द्वारा बेशकीमती मूर्तियों की खुदाई की जा रही है। इसमें उत्खनन के दौरान बेशकीमती मूर्ति भी निकल रहे हैं। जिसे चोरों ने। सुनियोजित तरीके से चुरा लिया था। जानकारी के अनुसार मूर्तियां अनमोल हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। पुरातात्विक विभाग पटना इकाई बहोरनपुर में विगत कई महीनों से उत्खनन का कार्य कर रही है। जहां से कई अनमोल मूर्तियां बरामद हुई हैं। यह मूर्तियां पाल वंश के समय की बताई जाती है। अगर समय की बात की जाए तो लगभग एक हजार वर्ष पुरानी यह मूर्तियां हैं। हालांकि चोरी के बाद मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 75/2021 दर्ज करते हुए हजारीबाग पुलिस हरकत में आई और सभी चोरी गई मूर्तियों को बरामद कर लिया गया था।