देश की तरह गांव की सुरक्षा में जुटे हैं जवान

गांव की कहानी लीड---------------- चौपारण प्रखंड का अंबाजीत गांव बना मिसाल जागरूकता से रुक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:50 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:50 PM (IST)
देश की तरह गांव की सुरक्षा में जुटे हैं जवान
देश की तरह गांव की सुरक्षा में जुटे हैं जवान

गांव की कहानी

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चौपारण प्रखंड का अंबाजीत गांव बना मिसाल, जागरूकता से रुका कोरोना

शशि शेखर, चौपारण (हजारीबाग) : देशभर में कोविड का कहर जारी है। हर दिन लोगों की मौत हो रही है। इससे हजारीबाग प्रमंडल भी अछूता नहीं है। लेकिन चौपारण प्रखंड में पडरिया पंचायत का अंबाजीत एक ऐसा गांव है, जहां लोगों की सजगता और जागरूकता के कारण कोरोना का अब तक प्रवेश नहीं हुआ है। प्रखंड मुख्यालय से महज पांच से छह किलोमीटर की दूरी पर एनएच किनारे स्थित इस गांव में 125 घर हैं और एक हजार से अधिक की आबादी है। घने जंगल के किनारे यह गांव है। गांव के बड़ी संख्या में युवा सेना व सीआरपीएफ में कार्यरत हैं। संक्रमण काल में छुट्टी में गांव आए इन जवानों ने गांव में मोर्चा संभाल लिया है। गांव युवा संक्रमण को लेकर लोगों में जागरुकता फैला रहे हैं। कोरोना जांच व टीकाकरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही साथ लोगों से संक्रमण से बचने के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं।

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टोली में बंटकर करते हैं निगरानी, हर एक घर की रखते हैं खबर

लगभग 125 घरों में एक हजार की आबादी समेटे इस गांव में अभी तक कोरोना संक्रमण की चपेट में कोई नहीं आया है। इसके पीछे इस गांव के युवा वर्ग की मेहनत है। दरअसल गांव के युवा टोली में बंटकर लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं। हर दिन युवाओं की टोली गांव में घूम-घूमकर लोगों को बचाव के उपाय बता रहे हैं। सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और हर एक घर की जानकारी भी ले रहे है। बाहर आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने से लेकर हर छोटे- मोटे मामलों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। यहां टीकाकरण कार्य शुरू हुआ तो लोगों को टीका भी दिला रहे हैं। युवा राहुल सिंह ने बताया कि गांव में लोगों को बाहर आने और जाने के लिए समय निर्धारित किया गया है। जिससे कभी भी भीड़ जमा नहीं हो पाती और लोगों को घर से बाहर निकलने पर भी मनाही है।

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सरहदों पर तैनात जवान यहां भी निभा रहे हैं जिम्मेदारी

गांव के राहुल सिंह, सुरज प्रताप, बब्लु सिंह, गुंजन सिंह, रीतेश यादव, प्रकाश यादव, राजेंद्र साव, नीतेश राणा , बलवंत साव, चंदन सिंह, सुरज राणा, रामाशीष यादव तथा उनके अन्य साथी गांव को निरोग बनाने में लगे हैं । विशेषता यह है कि इनमें से लगभग आधे दर्जन जवान देश सेवा में सरहदों पर तैनात जवान हैं। सभी छुट्टी में घर आये हैं तथा लोगों को प्रेरित करते हैं। देश की रक्षा करने वाले जवान गांव की भी रक्षा कर रहे हैं। सीआरपीएफ के जवान सूरज सिंह व सूरज राणा,आर्मी के प्रकाश यादव आईटीबी पी, रामाशीष यादव जिला पुलिस बल के जवान हैं। इनकी मुस्तैदी का असर है कि ग्यारह बजे सुबह से देर शाम तक लोग घरों से नहीं निकलने। गांव की गलियां शांत रहती हैं।

संक्रमण रोकने का टीकाकरण सबसे प्रमुख हथियार : राहुल सिंह

गांव में लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाए सबसे सजग प्रहरी के रुप में कार्यरत सीआरपीएफ का जवान राहुल सिंह बताते हैं कि केवल टीकाकरण ही कोरोना संक्रमण का सबसे सफल इलाज है। यदि लोग जागरुक होकर संक्रमण से बचे रहें तथा सरकार द्वारा दी जा रही टीकाकरण सुविधा का लाभ उठा सकें तो धीरे-धीरे ही सही संक्रमण पर हम काबू पा सकते हैं। गांव में लोग जिस अफवाह में हैं उन्हें दूर करना काफी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वह अपने घर में सभी पैंतालीस से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करवा चुके हैं। इसके अलावा आस पास के लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं। इसी प्रकार उनके अन्य मित्र भी कर रहे हैं।

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