कोरोना से पिता की मौत, बेटी ने दी मुखाग्नि
बाटम दुर्गा कुमारी ने निभाया बेटे का धर्म प्रशासन सहित अन्य लोगों ने की मदद संवाद सूत्र बरह
बाटम
दुर्गा कुमारी ने निभाया बेटे का धर्म, प्रशासन सहित अन्य लोगों ने की मदद
संवाद सूत्र
बरही (हजारीबाग) : बरही में एक बिटिया दुर्गा कुमारी ने मिसाल कायम की। बरही अनुमंडलीय अस्पताल कोरोना केयर सेंटर में इलाज के दौरान मंगलवार को कोविड से जान गंवाने वाले 48 वर्षीय अपने पिता की चिता को बरही सछ्वावना विकास मंच की मदद से मुखाग्नि दी। मृतक सपन बोस उर्फ अमली (पिता अर्पण बोस) मूलनिवासी पश्चिम बंगाल के थे, जो बरही के रसोईया धमना में लंबे अर्से से एक भाड़े के मकान में रहकर एक लाइन होटल में वर्षो से मजदूर के रूप में काम करते थे। सपन बोस के साथ सिर्फ उनकी सासु माता और छोटी एक पुत्री रसोइयाधमना में में रहती है। इनकी मृत्यु बाद इनके कोई भी परिजन व जान-पहचान वाले लोगों ने जब अंतिम संस्कार के लिए मदद करने नहीं पहुंचे,बरही सछ्वावना विकास मंच के अध्यक्ष राज सिंह चौहान और उनकी पूरी टीम ने अंतिम संस्कार करवाने में मदद किया। मंच के लोगों ने बरही सीओ अरविद देवाशीष टोप्पो की उपस्थिति में मृतक के शव को अस्पताल से उठाकर वाहन पर रख बरही श्मशान घाट तक पहुंचाया। मृतक की शादीशुदा पुत्री दुर्गा ने अपने पिता का अंतिम संस्कार बरही मुक्तिधाम में किया। बताया जाता है कि मृतक का सिर्फ तीन पुत्रियां ही हैं। तीनों पुत्रियां की शादी हो चुकी है जो अपने अपने ससुराल में रहती हैं। मंझली पुत्री दुर्गा कुमारी को जब मालूम हुआ कि उनका पिता कोरोना से बीमार है तो वह दिल्ली से बरही पहुंची और कोरोना सेंटर में सोमवार को भर्ती किया। पिता की सेवा में कोई कसर नही छोड़ी किन्तु अफसोस ऊपर वाले कि मर्जी कुछ और ही थी। प्रशासन की ओर से लकड़ी की व्यवस्था की गई एवं बेटी दुर्गा कुमारी ने अपने पिता को अग्नि दी। सहयोग करने वालों में सीओ अरविद देवाशीष टोप्पो, सछ्वावना विकास मंच के अध्यक्ष राज सिंह चौहान, सचिव कुन्दन कुमार, व्यवस्थापाक मंत्री मो.जियाउल, सक्रीय सदस्य विक्रम सिंह, अस्पताल के एम्बुलेंस चालक मो. शमशाद आदि ने साथ दिया।