25 हजार किसान ऋण माफी योजना से वंचित

जिले में कुल 58483 स्टैंडर्ड लोनी डाटा अपलोड हुआ 32925 वहीं इनमें से भी ई - केवाइसी जमा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:31 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:31 PM (IST)
25 हजार किसान ऋण माफी योजना से वंचित
25 हजार किसान ऋण माफी योजना से वंचित

जिले में कुल 58483 स्टैंडर्ड लोनी, डाटा अपलोड हुआ 32925

वहीं इनमें से भी ई - केवाइसी जमा हुआ सिर्फ 124834 का

9852 ऋणी की हुई स्वीकृति, बाकी मामले अब तक हैं लंबित

मासूम अहमद,

हजारीबाग : विगत वर्षों जैसे 2017, 2018 और 2019 में झारखंड में मानसून की अनियमितता के कारण बारिश में क्रमश: 13, 28 और 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इससे कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। वहीं दूसरी ओर खरीफ कटाई के समय ओलावृष्टि एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी तैयार फसलों को नुकसान हुआ। इसका कृषि ऋण वापसी पर भी बुरा असर पड़ा। परिणाम स्वरूप एक ओर किसान बकाया ऋण नहीं चुका पा रहे थे तो दूसरी ओर नई फसल के लिए भी आयोग्य होते जा रहे थे। किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए झारखंड सरकार ने वर्ष 2020-21 में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना शुरू किया। इसके तहत 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी के बकाया खातों से 50 हजार रुपए तक के बकाया ऋण माफ किए जाने थे। लेकिन लगता है कि विभागीय और बैंकों की उदासीनता के कारण प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग जिले के हजारों की संख्या में ऋृणी किसान योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे। फिलहाल जिले के करीब 25 हजार किसान योजना के लाभ से अब तक महरूम हैं। इसका अंदाजा विभाग द्वारा 10 अप्रैल 2021 तक के मिले आंकड़े से हो जाता है। जानकारी के अनुसार

जिले में कुल 58483 स्टैंडर्ड लोनी यानी ऋणी थे। इनमें से बैंकों द्वारा 32925 का डाटा अपलोड किया गया जो ई केवाईसी के लिए उपलाब्ध थे। मगर इनमें से भी ई - केवाइसी 124834 लाभुकों का ही पूरा हो पाया। जहां तक इन लाभुकों के आवेदन की स्वीकृति की बात है तो इनमें से 9852 ऋणी के ई केवाईसी को स्वीकृति मिल पाई। बाकी के 1988 मामले अब तक लंबित हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत जिले में कुल 58483 स्टैंडर्ड लोनी यानी ऋणी में से अब तक 9854 ऋण की ही योजना के तहत स्वीकृति मिल पाइ्र है। हालांकि विभाग और बैँकों का कहना है कि बचे लोगों में से हजारों के मामले प्रक्रियाधीन हैं। जबकि हजारों लाभुक योजना के तहत सारी शर्तें पूरी नहीं करते।

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- योजना के तहत वेब पोर्टल के माध्यम से आनलाइन कार्यान्वित की जानी है और डीबीटी के माध्यम से बकाया ऋण अदायगी होती है। ऐसे में बैँकों द्वारा अपने स्तर से प्रयास किया गया। मगर बहुत से खाते पुराने थे जिनकी आधार सीडिग नहीं हो पाई। फोन नंबर नहीं होने से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस वर्ष कोविड 19 का प्रभाव भी अधिक है। इस कारण कई शाखाएं बद हो गई है - एलडीएम प्रेम प्रकाश सिंह।

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