जान हथेली पर रख पुल पार करते हैं ग्रामीण
फोटो -17 तीन साल में भी बेडम पुल का स्पेन नहीं ढलवा सका जिला प्रशासन 32 लाख की लागत से 2019
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तीन साल में भी बेडम पुल का स्पेन नहीं ढलवा सका जिला प्रशासन,
32 लाख की लागत से 2019 में हो चुका है टेंडर, हो रही है परेशानी
संवाद सूत्र
:टाटीझरिया प्रखंड के बेडम सहित एक दर्जन गांवों के करीब पांच हजार ग्रामीणों को जिला प्रशासन की लापरवाही ने खतरों का खिलाड़ी बना दिया है। खिलाड़ी साइकिल मौत के कुएं में चलाने से नहीं बल्कि 50 फिट उपर कोनार नदी में बन रहे पुल के 10 -15 इंच चौड़ी स्पेन के सहारे मोटरसाइकिल को नदी पार कराने के कारण ग्रामीण बन गए है। शनिवार को भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला जब ग्रामीण आवश्यकता पड़ने पर 50 फिट उंची रेलिग को मोटरसाइकिल पार कराते दिखाई दिए। दरअसल टाटीझरिया के इस सुदूरवर्ती गांव बेडम जुल्मी, परतंगा, मंगरपट्टा, पलमा, चतरोचट्टी, चुरचू, आंगो, उदलू, जोभी, सिमरा, खूरंडीह, रामगढ़, चरही, गोमिया, हुरलुंग, बोकारो, गोविदपुर, विष्णुगढ, चोंचा, चुडको आदि गांव के लोग प्रखंड मुख्यालय आने के लिए कोनार नदी का प्रयोग करते है। आवाजाही और सुगमता को लेकर 2015 में इस पर सरकार ने पूल बनवाया था। परंतु यह माओवादियों को रास नहीं आया और उसे 2015 में हीं बम से उड़ा दिया। इस घटना में पूल के दो स्पेन टूट गए और इस पर आवागमन बंद हो गया। 2019 में प्रशासन की ओर से स्पेन निर्माण कार्य के लिए निविदा निकाली गयी। 32 लाख रुपए के लागत से इसका निर्माण हो रहा है। परंतु आजतक यह पूरा नहीं हो सका। पिछले छह सात दिनों से लगातार हो रही बारिश ने कोनार नदी में जलस्तर बढ़ा दिया है। मजबूरी वश ग्रामीणों को पूल पर जान हथेली लेकर खूद के साथ साथ अपने वाहन को पार कराना पड़ रहा है।
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दर्जन गांव बन जाते है टापू
पुल ही बेडम सहित अन्य गांव के लोगों के लिए जीवन रेखा है। पिछले एक सप्ताह से हो रहे बारिश ने गांव को टापू बना दिया है। कोई वैकल्पिक रास्ता न होने के कारण ग्रामीणों को बेडम पुल के उपर ढाले गए स्पेन सेटरिग के ऊपर से पार करना हीं एक मात्र उपाय है।
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तीन साल से केवल हुई स्पेन की ढलाई
बंद पड़ा बेड़म पुल का निर्माण का कार्य शुरू हुए तो तीन साल हो चुका है । परंतु अबतक पूरा नहीं हो पाया है। पुल की समस्या से जूझ रहे लोगो में एक आस जगी थी कि उनका समस्या का समाधान जल्द होने वाला है। परंतु लापरवाही बरतने के कारण यह आशा अब निराशा में बदलती नजर आ रही है। बारिश के कारण प्रखण्ड मुख्यालय और जिला से सम्पर्क टूट गया है।