विद्यालय खुलने के बाद भी नहीं लौटे शिक्षक, कैसे होंगे काम

संवाद सहयोगी हजारीबाग शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिले के बंद विद्यालय एक जून से खुल तो ग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 08:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 08:42 PM (IST)
विद्यालय खुलने के बाद भी नहीं लौटे शिक्षक, कैसे होंगे काम
विद्यालय खुलने के बाद भी नहीं लौटे शिक्षक, कैसे होंगे काम

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिले के बंद विद्यालय एक जून से खुल तो गए हैं। लेकिन सरकार के निदेश के आलोक में अब तक कोरोना डयूटी कर रहे शिक्षकों को छोड़ा नहीं जा सका है। जिले में करीब 700 उच्च विद्यालय, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक है, जो अब भी पिछले दो माह से क्वारंटाइन सेंटर डयूटी कर रहे हैं। शिक्षकों को मुक्त करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा पत्राचार भी संबंधित पदाधिकारियों को किया गया है। लेकिन एक शिक्षक के बदले एक शिक्षक के मांग के कारण यह भी मुनासिब नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर शिक्षक मुक्त न होने के कारण विद्यालय नहीं आने वाले विद्यार्थियों को प्रतिपूर्ति भता का वितरण, परीक्षा फल का प्रकाशन, शैक्षणिक सत्र 2020 -21 का पाठ्य पुस्तकों का संधारण, नया नामांकन आदि गैर शैक्षणिक कार्य बंद है। बीइओ को दी गई थी शिक्षकों को मुक्त कराने की जिम्मेवारी

जानकारी के मुताबिक शिक्षा सचिव के पत्र के आलोक में जिला से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों को मुक्त कराने के लिए पत्र दिया गया था। सूची बनाकर उन्हें शिक्षकों की सूची प्रखंड विकास पदाधिकारी को देना था। लेकिन क्वारंटाइन सेंटर में एक शिक्षक के बदले एक शिक्षक देने की मांग के बाद अभी तक शिक्षकों की सूची बीडीओ तक नहीं जा सकी है। चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक बीइइओ इसकी सूची बना रहे है कि प्रभारी प्रधानाध्यापकों के बदले किस शिक्षक की प्रतिनियुक्त किया जाए। इधर, शिक्षक और कर्मचारी प्रधानाध्यापक की जगह खुद ही टीसी काट रहे और खुद ही मोहर भी लगा रहे है।

चुरचू में सबसे अधिक कोरोना ड्यूटी में लगे हैं सरकारी शिक्षक

हजारीबाग जिले में विभिन्न प्रखंडों में कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए दो माह से को क्वॉरेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर, पीडीएस दुकान, चेक पोस्ट, प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों को लगाया गया है । जिले में सबसे ज्यादा इन सब कार्य के लिए शिक्षकों की डयूटी लगायी गयी है। इनमें से कुछ ऐसे शिक्षक भी कार्यरत हैं जिनको 2 महीने के अंतर्गत एक बार भी रोटेशन सिस्टम के तहत के तहत आराम तक नहीं दिया गया ।

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