खोदाई बंद होने से पर्यटकों में निराशा

हजारीबाग 27 नवंबर से खोदाई शुरु होने के बाद उत्सुकता वश तो कोई जानकारी को लेकर ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 08:25 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 08:25 PM (IST)
खोदाई बंद होने से पर्यटकों में निराशा
खोदाई बंद होने से पर्यटकों में निराशा

हजारीबाग : 27 नवंबर से खोदाई शुरु होने के बाद उत्सुकता वश तो कोई जानकारी को लेकर हर दिन बहोरनपुर में 500 लोग आते थे। हर दिन यहां मेला लगा रहता था और लोगों की आवाजाही देखकर एक दूकान भी खुल गई थी। लेकिन पिछले एक सप्ताह से बंद खोदाई कार्य के बाद यहां आने वालों को हर दिन निराशा हाथ लग रही है। बड़े चाव से वाहन बूक कर परिवार के साथ आने वाले लोगों को यह जानकार दुख हो रहा है कि यहां खोदाई का कार्य बंद हो गया है और अब कब शुरु होगा इसका कोई समय निर्धारित नहीं है। खोदाई स्थल पर कोई बताने वाला नहीं और न वहां काम कर रहे मजदूर। सुनसान पड़े इस इलाके में खोदाई बंद होते हीं लोगों में निराशा फैल गई है।

50 मजदूर हर दिन कर रहे थे काम, मिल रही थी चार सौ रुपए से अधिक की मजदूरी

खोदाई कार्य में हर दिन 50 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। इन्हें 400 से अधिक रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिल रही थी। एकाएक काम बंद हो जाने की सूचना इन मजदूरों में हीं नहीं बल्कि बहोरनपूर, गुरहेत, चंदवार, रेवार में भी लोग मायूष हो गए है। खोदाई की सूचना पर इन गांवों के अलावा इतिहासकारों, विद्याथिर्यों और बौद्ध से जुड़े लोगों में बड़ा मायूषी है।

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पदाधिकारियों में भी छाया निराशा, आधी अधूरी खोदाई

पुरातात्विक विभाग के पदाधिकारियों में पैसे के अभाव में खोदाई कार्य बंद होने से निराशा है। अभी डेढ़ माह का हीं खोदाई हुआ था। दिवारों के अलावा यहां छह मूर्तियां प्राप्त हुई।

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