सत्संग से जीवन में मिलती है प्रेरणा : माता जी
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हजारीबाग : परम पूज्य आचार्य 108 विराट सागर जी महाराज की सुशिष्या परम पूज्य आर्यिका 105 विबोधश्री मति माताजी सत्संग का मंगल आगमन बुधवार को प्रात: 8 बजे हजारीबाग हुआ। माताजी जी ससंघ सम्मेद शिखरजी से पद विहार कर हजारीबाग पहुंची। उनके दुबारा आगमन पर समाज में चारों और हर्ष का वातावरण छा गया। माता जी के पाद प्रक्षालन जगह-जगह नगर में हुआ। माताजी बड़ा जैन मंदिर में दर्शन के पश्चात समाज को मंगल आशीर्वाद के रूप में अपने उद्बोधन में कहा कि सत्संग को महत्व देना चाहिए। सत्संग का महत्व केवल साधु संतों का साथ रहना ही नहीं बल्कि जहां से आपको सुंदर विचार मिले, सुंदर आहार मिले, सुंदर क्रिया मिले, ऊर्जा मिले। ऐसे सत्संग को जरूर कीजिए। सत्संग से ही हमारे जीवन में प्रेरणा मिलती है और हमें अच्छे कार्य करने की एक मार्ग मिलता है। इसलिए आदमी को कभी भी अच्छे सत्संग नही छोड़ना चाहिए। मंगल आगमन पर समस्त समाज ने नारीयल चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंच संचालन सुबोध सेठी व मंगलाचरण विजय लुहाडीया ने किया। मंगल प्रवचन के बाद आहारचर्या का कार्यक्रम हुआ। संध्या में आचार्य वंदना, आरती व आनंद यात्रा का कार्यक्रम हुआ। मीडिया प्रभारी विजय लुहाडिया ने बताया कि दिनांक 23 जनवरी 2020 को हमारे देवाधिदेव 1008 भगवान आदिनाथ जी के मोक्ष कल्याणक माघ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को दोनों मंदिर में मनाया जाएगा। कार्यक्रम प्रात: 6:30 बजे महामस्तकाभिषेक,भक्तामर विधान, निर्वाण लाडू व 108 आचार्य श्री विराट सागर जी महाराज की पूजा व माताजी का मंगल प्रवचन होगा।