52 लाख के लागत से बना जल मीनार, एक बूंद पानी नहीं

कटकमसांडी प्रखंड के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित जंगली पंचायत डांटो कला में लघु ग्रामीण ज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:07 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 06:17 AM (IST)
52 लाख के लागत से बना जल मीनार, एक बूंद पानी नहीं
52 लाख के लागत से बना जल मीनार, एक बूंद पानी नहीं

कटकमसांडी : प्रखंड के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित जंगली पंचायत डांटो कला में लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत तकरीबन 52 लाख रुपए की लागत से बने जल मीनार से लोगों को जलापूर्ति नहीं हो रही है। जल मीनार का निर्माण दो वर्ष पूर्व किया गया था। जल मीनार निर्माण का मकसद पंचायत वासियों को हर घर तक नल व पाइप से पेयजल उपलब्ध कराना था। जल मीनार निर्माणकर्ता सह संवेदक को दो वर्षों तक जल मीनार की देखभाल भी करना था। जलमीनार के निर्माण के बाद महज दो तीन माह तक ही लोगो को पानी मयस्सर हो सका। इसके बाद बंद पड़े जलमीनार को चालू करने की दिशा मे संवेदक द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नही हुई। मालुम हो कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र तथा पथरीली जमीन होने के कारण जल मीनार ही ग्रामीणों का पेयजल का प्रमुख स्त्रोत है। ऐसे में जल मीनार खराब हो जाने से डांटो कला वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बाबत दीपक यादव, कुंजल राम, राजेंद्र कुमार, संजय यादव, सुरेश तूरी, मनोज कुमार, बालेश्वर राम, कुलदीप यादव आदि ग्रामवासियों का एक स्वर में कहना है कि क्रियान्वयन एजेंसी ने अपने दायित्व का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया। ग्रामीणों ने पीएचडी विभाग तथा जिला के वरीय अधिकारियों से खराब पड़े जल मीनार को पुन: चालू कराने की मांग की है। ताकि लोगों को पीने का साफ पानी मिल सके।

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