अ‌र्द्ध निर्मित मातृ शिशु कल्याण केंद्र पर अवैध कब्जा

हजारीबाग कुपोषित बच्चों को बचाने और शिशु मुत्यु दर कम करने की योजना से जच्चा- बच्चा क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 08:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 08:07 PM (IST)
अ‌र्द्ध निर्मित मातृ शिशु कल्याण केंद्र पर अवैध कब्जा
अ‌र्द्ध निर्मित मातृ शिशु कल्याण केंद्र पर अवैध कब्जा

हजारीबाग : कुपोषित बच्चों को बचाने और शिशु मुत्यु दर कम करने की योजना से जच्चा- बच्चा के लिए 2009 में ढाई करोड़ की लागत से सेबनाई जाने वाली मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र पर जमीं पर तो नहीं उतरी। लेकिन डेढ़ करोड़ रुपये से अ‌र्द्ध निर्मित भवन पर कब्जा जरूर हो गया। विभाग और संवेदक के सह पर इस दो मंजिला अद्वनिर्मित भवन में आज के समय में

गोशाला, गोदाम, शौचालय से लेकर रहने के लिए आवासीय क्वार्टर तक तैयार कर लिए गए हैं। बकायदा यहां आठ परिवार छह फ्लैट में रह रहे है। वहीं दो भवनों में गौशाला, चार कमरों में गोदाम भी संचालित है। इतना हीं नहीं यहां रह रहे लोग परिसर में बोरिग और बकायदा बिजली विभाग की मेहरबानी से अवैध कनेक्शन भी ले लिया है। भवन के पश्चिमी और उतरी छोर पर वाहन रखने के लिए गैराज बनाए गए हैं।

तत्कालीन विधायक ने किया था शिलान्यास

स्वास्थ्य विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए 2009 में तत्कालीन विधायक सौरभ नारायण सिंह ने इसका शिलान्यास किया था। ग्रामीण कार्य विशेष प्रमंडल निर्माण एजेंसी थी। सिविल सर्जन आवास के सामने यह भवन बना है।

95 लाख का काम कराकर निकाल ली 1.40 करोड़ की राशि, मामला दर्ज

निर्माण में अनियमितता और गड़बड़ झाला के लिए प्रसिद्ध विशेष कार्य प्रमंडल में 2005 -12 तक बनने वाले एक भी कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की योजना पूरी नहीं हुई। इनमें मातृ व शिशु कल्याण केंद्र भी शामिल है। ढाई करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन में संवेदक अभियंताओं की मिली भगत के कारण 95 लाख का भवन बनाकर 1.40 करोड़ रुपए निकाल ली। मामला उजागर हुआ तो तत्कालीन अभियंता ने जांच कराई और फिर जांच के पांच साल बाद 2010 के तत्कालीन अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता पर 2016 में सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

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-अवैध कब्जा का मामला है, तो हम इस पर त्वरित कार्रवाई करेंगे। मामले की जांच होगी-

देवेंद्र प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, विशेष कार्य प्रमंडल, हजारीबाग

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