गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत मामले में जांच को पहुंची टीम
संवाद सूत्र इचाक एक जून को इचाक सीएचसी में प्रसव के बाद छह माह के नवजात की हुई मौत एवं एए
संवाद सूत्र इचाक: एक जून को इचाक सीएचसी में प्रसव के बाद छह माह के नवजात की हुई मौत एवं एएनएम पर पैसे की मांग करने के मामले की जांच करने शनिवार को दो सदस्यीय चिकित्सकों की टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इचाक पहुंची। टीम में शामिल डॉ. गोविद नारायण एवं डॉ. मुक्ता सोरेन ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात एएनएम ज्योति कुमारी, कुमकुम कुमारी के अलावा सभी स्वास्थ्यकर्मियों से घटना के बाबत पूछताछ की गई। असिया गांव की पीड़िता प्राचीन देवी एवं उसके पति पंकज कुमार से भी जानकारी ली गई हैं। जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपी जाएगी। प्रसव के बाद नवजात की मौत के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा छह माह का था। प्री मेच्योर प्रसव होने से नवजात की मौत होना मुमकिन है। महिला का पहला बच्चा नौ माह का ही है। वहीं दूसरा बच्चा का पेट में पलना जोखिम था। दूसरे बच्चे को जन्म देने के लिए तीन साल का अंतराल होना चाहिए, जिससे जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहता। वही इस घटना के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इचाक में कार्यरत दोनों एएनएम को प्रभारी चिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश ने लेबर रूम से हटाते हुए ज्योति कुमारी को स्वास्थ्य उपकेंद्र सीझुआ एवं कुमकुम कुमारी को करियातपुर उपकेंद्र में स्थानांतरित कर दिया था। डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि हमने पहले ही सभी एएनएम को कहा था कि किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर बिना कारण पूछे लेबर रूम से हटा दिया जाएगा। मालूम हो कि दोनों ही एएनएम के प्राचीन देवी के गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत बता दिया था। लेकिन प्रसव के दौरान बच्चा जिदा निकला था। कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई थी। इसे लेकर परिजनों ने काफी हंगामा किया था। परिजनों की शिकायत के बाद जांच दल का गठन किया गया था।