नहाए खाए के साथ लोक आस्था का महापर्व आज से आरंभ

संवाद सहयोगी हजारीबाग बिहार- झारखंड में प्रचलित लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 07:28 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 07:28 PM (IST)
नहाए खाए के साथ लोक आस्था का महापर्व आज से आरंभ
नहाए खाए के साथ लोक आस्था का महापर्व आज से आरंभ

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : बिहार- झारखंड में प्रचलित लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज से आरंभ हो गया। व्रतियों द्वारा यह कठिन व्रत पूजन उत्सव चार दिनों तक अनवरत जारी रहेगा। आज नहाए खाए में भगवान भुवन भास्कर सूर्य तथा मां षष्ठी देवी का पूजन षोडशोपचार विधि विधान से किया जाएगा। आज अरवा चावल का भात चना दाल और कद्दू की सादा सब्जी का भोग लगेगा और उसे ही प्रसाद के रूप में व्रति एवं उनके परिजन तथा श्रद्धालु ग्रहण करेंगे। इसके बाद नौ नवंबर को खरना खीर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। 10 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य एवं 11 नवंबर को उदीयमान अचल भगवान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य के साथ लोक आस्था का महापर्व समाप्त हो जाएगा।

सूप नारियल फल एवं अन्य सामग्रियों के दाम आसमान पर :

इस वर्ष जहां महंगाई ने चहुंओर से कमर तोड़ रखी है ऐसे में पूजा-पाठ व्रत भी महंगाई की जद में है। सुख के दाम और फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। सूप 400 से लेकर 500 रुपये तक जोड़े बिक रहे हैं। वही नारियल भी प्रति पीस डेढ़ से 200 तक में बिक रहा है। फलों के दाम ने तो नाक में दम कर रखा है। कोई भी फल 300 से 500 रुपये प्रति किलो से नीचे है ही नहीं। अन्य पूजन सामग्री अभी छठ पर्व के नाम पर अचानक से अपनी वर्तमान हैसियत से चौगुनी हो उठी है।

छठ घाटों का निर्माण हो चुका है शुरू :

लोक आस्था के इस पर्व को सुव्यवस्थित रूप से मनाने के लिए व्रतियों के परिजनों द्वारा स्थानीय जलाशय यथा नदी तालाब पोखर आदि स्थानों पर छठ घाट का निर्माण किया जा रहा है। लोग अपने अपने छठ पूजन संपन्न करने को लेकर घाटों में सीमा रेखा बांधकर घाट को स्वच्छ कर रहे हैं। वही जिला प्रशासन के द्वारा भी घाटों को स्वच्छ करने का कार्य अंतिम चरण पर है। हालांकि, अब तक झील की साफ सफाई अब तक पूरी नही हो सकी है। नगर निगम की रवैये को लेकर भी लोगों में नाराजगी में है। जलकुंभी को घाटों के किनारे से स्वयं लोग ही हटा रहे हैं।

कृत्रिम जलाशय की बिक्री भी जोरों पर :

प्लास्टिक एवं अन्य सामग्रियों से निर्मित कृत्रिम जलाशयों की बिक्री भी बाजारों में धूम मचा रही है। पिछली बार भी कोरोना के बड़े प्रकोप को देखते हुए व्रतियों एवं उनके परिजनों ने अपने घर के आंगन एवं छत पर इस कृत्रिम जलाशय में जल भरकर छठ पूजन संपन्न किया था एवं भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य प्रदान किया था। छठ तालाब में है भगवान सूर्य का मंदिर :

शहर के छठ तालाब के किनारे पौराणिक सूर्य मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। छठ तालाब में शहर के व्रतियों द्वारा छठ पूजन के पश्चात बगल में अवस्थित भगवान भुवन सूर्य नारायण देवता की प्रतिमा पर विधिवत पूजन किया जाता है। वही छठ के बीचों बीच आकर्षक रूप में विराजमान भगवान सूर्य की मूर्ति कुंभ कारों के द्वारा निर्मित की जाती है जो आकर्षण का केंद्र रहता है।

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