किसानों को भुखमरी के कगार पर धकेल रही केंद्र सरकार

जासं हजारीबाग केंद्र सरकार द्वारा संसद के मानसून सत्र में किसान विरोधी कृषि उपज व्यापार अ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:56 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 05:06 AM (IST)
किसानों को भुखमरी के कगार पर धकेल रही केंद्र सरकार
किसानों को भुखमरी के कगार पर धकेल रही केंद्र सरकार

जासं, हजारीबाग : केंद्र सरकार द्वारा संसद के मानसून सत्र में किसान विरोधी कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण ) विधेयक 2020, कृषि (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधायक 2020 एवं आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 पास करवा कर देश के किसानों और उसके परिवार को भुखमरी के कगार पर धकेलने का काम किया है। इस बिल के अनुसार अब हमारे देश में ठेका पर खेती की जाएगी और अनाज के मंडियों पर बिचौलियों का राज होगा। यह बातें भूतपूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने शुक्रवार को कही। वह किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के समर्थन में वामपंथी पार्टियों के प्रतिवाद मार्च में शामिल लोगों को संबोधित कर रहे थे। श्री मेहता ने कहा इस महामारी की आड़ में मोदी सरकार एक तरफ देश के सरकारी उद्योगों को बेच रही है वही दूसरी ओर देश के किसानों को बर्बाद करने के लिए गलत ढंग से संसद में कानून बना रही है। कानून पास करवाने के लिए 70 वर्षों से चली आ रही संसदीय लोकतान्त्रिक परम्परा की हत्या भी सरकार राज्यसभा में करने से नहीं चुकी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ आज वामपंथी पार्टियों ने प्रतिवाद मार्च निकालकर उपरोक्त तीनों विधेयक को वापस लेने की मांग की है। इस प्रतिवाद मार्च में सीपीएम के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू, लक्ष्मी नारायण सिंह, महेंद्र राम, भुनेश्वर महतो, सुदेशी पासवान, विजय मिश्रा, नागेश्वर रजक,चांद खान, डॉ मिथिलेश डांगी, विपिन कुमार सिन्हा, मुश्ताक हसन, मो. हकीम, मूलचंद प्रसाद मेहता, बालेश्वर मेहता, निर्मल महतो, जितन रजक, ईश्वर महतो, सुखदेव रजक, कुंजीलाल साव, सुजीत साव सहित पार्टी के कई साथियों ने भाग लिया। प्रतिवाद मार्च धरना स्थल से निकलकर डिस्टिक बोर्ड चौक से होते हुए इंद्रपुरी चौक पर आकर समाप्त हुई।

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