शारीरिक दूरी के साथ मनाई गई जन्माष्टमी

संस हजारीबाग श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार जिला मुख्यालय समेत पूरे प्रखंड क्षेत्र में शारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:28 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:28 PM (IST)
शारीरिक दूरी के साथ मनाई गई जन्माष्टमी
शारीरिक दूरी के साथ मनाई गई जन्माष्टमी

संस, हजारीबाग : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार जिला मुख्यालय समेत पूरे प्रखंड क्षेत्र में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की गई। वहीं कई स्थानों में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम कर कृष्ण के चरित्र का वर्णन किया गया। मंदिरों में विधिवत पूजा अर्चना के साथ श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की रस्म अदायगी की गई। कोरोना महामारी को देखते हुए कई मंदिरों में बहुत कम श्रद्धालु देखे गए। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भक्त मास्क लगाकर एवं सारे दूरी के नियमों का पालन करते देखे गए। बाल रूप सज्जा कार्यक्रम का आयोजन :

संसू, बड़कागांव : प्रखंड के राधे- श्याम मंदिर, राम जानकी मंदिर, अंबाजीत राधा गोविद मंदिर, हरली, बादम, गोंदलपूरा नापोकला, सांढ़, तलसवार, गोसाईं बलिया, विश्रामपुर, नयाटांड़, चन्दोल, डुंडीटांड़, सिदवारी समेत अन्य गॉवों में मनाया गया। डुंडी टांड़ में सुलेखा कुमारी की पुत्र दिव्यांश दिव्य को भगवान कृष्णा, उरुब निवासी प्रभात रंजन का पुत्र शिवम कुमार आरोही शिवांशी राधे कृष्णा रूप का प्रदर्शन किया।

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प्रेम के आगाह सागर हैं भगवान श्री कृष्ण

फोटो - 2 - मनोहर कुमार

संसू, हजारीबाग : भगवान श्री कृष्ण प्रेम के आगाह सागर हैं। इसलिए कृष्ण के प्रेम की चौहद्दी धर्म और जाति की दीवार को तोड़ देती है। भारतीय साहित्य में कृष्ण पर हिन्दू रचनाकारों की तरह मुसलमान रचनाकारों ने लिखा हैं। कृष्ण के प्रेम में सैय्यद इब्राहिम उर्फ रसखान, अमीर खुसरो, नजीर अकबराबादी ने भी कृष्ण पर लिखा है। इस्कान जैसी संस्थाओं को देखें तो दुनिया भर में कृष्ण प्रेम के करुणा निधान के तौर पर विख्यात हैं। कृष्ण सूरदास के काव्य का नायक तो हैं । कृष्ण की प्रेम की अद्भुत छटा है जिसमें हर कोई अपने अस्तित्व को भूलकर डूब जाना चाहता है। कृष्ण का द्वारिकाधीश से ज्यादा गोकुल के ग्वाल के रूप में जन मानस के दिल में छवि धारण करते हैं। उनकी लीलाओं पर, उनकी गाय चराने, मित्रों के साथ खेलते हुए, यशोदा माँ को परेशान करता बालक, माखन चोर की छवि सबके दिल में बस सी गयी है। कृष्ण गीता में एक महान न्यायविद के रूप में दिखते हैं तो द्रौपदी चिर हरण प्रसंग में महान भाई के रूप में अवतरित होकर द्रौपदी की लाज बचा लेते हैं। कण-कण में कृष्ण हैं हम सबके बीच कृष्ण हैं। हम सब कृष्ण के ही अंश हैं। कृष्ण मुरलीधर, नंदगोपाल, यशोदा के लाल दुनिया में प्रेम व सद्भाव स्थापित करें, यहीं प्राथना है।

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