राहत इंदौरी के निधन से शोक, हजारीबाग से जुड़ी थी उनकी यादें
जासं हजारीबाग मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है वहीं शख्स पराया भी बहुत लगता है उ
जासं, हजारीबाग : मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है, वहीं शख्स पराया भी बहुत लगता है, उससे मिलने की तमन्ना बहुत है, मगर आने जाने में किराया भी बहुत लगता है। इन पंक्तियों के रचनाकार और मशहूर उर्दू शायर व फिल्मी गीतों के रचनाकार रहे राहत इंदौरी के आकस्मिक निधन से देश दुनिया सहित प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में भी शोक की लहर है। दैनिक जागरण के कवि सम्मेलन में शामिल होने वे 2018 में हजारीबाग पहुंचे थे। यहां लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया था। उनके निधन की सूचना पर लोगों को इस खबर पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। उनका कहना है कि अभी 2018 में हजारीबाग के दैनिक नगर भवन में जागरण के कवि सम्मेलन सहित विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मुशायरे में भी उनकी शिरकत हुई थी। इस संबंध में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के प्राध्यापक प्रो. डॉ. जैन रामिश, डॉ. आमिर मुस्तफा सिद्दीकी, प्रो. सुबोध सिंह शिवगीत, प्रो. केदार सिंह, संत कोलंबा कॉलेज के डॉ. जमाल अहमद सहित शायर नटखट अजीमाबादी, शमीम हाशमी, ओबैदुल्ला हाशमी, हसन इमाम फिदाई, अख्तर हुसैन, सैयद फैजान अहमद, एजाज अहमद आदि ने गहरे सदमे का इजहार किया है।