सीआइडी करेगी पीटीसी जमीन खरीद-बिक्री की जांच

संवाद सहयोग हजारीबाग पुलिस अकादमी की पुलिस लाइन स्थित बेशकीमती जमीन खरीद फरोख्त मामले में

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 09:29 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 09:29 PM (IST)
सीआइडी करेगी पीटीसी जमीन खरीद-बिक्री की जांच
सीआइडी करेगी पीटीसी जमीन खरीद-बिक्री की जांच

संवाद सहयोग, हजारीबाग : पुलिस अकादमी की पुलिस लाइन स्थित बेशकीमती जमीन खरीद फरोख्त मामले में दर्ज प्राथमिकी की जांच अब सीआइडी करेगी। सरकार के आदेश के बाद शनिवार को सीआईडी ने केश का चार्ज ले लिया है। एसी कार्तिक एस ने इस बाबत जानकारी दी। बताया कि लोहसिग्ना थाना में 21 मार्च को जमीन फरोख्त और कब्जा को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। ज्ञात हो कि जमीन माफियाओं द्वारा पुलिस ट्रेनिग कालेज के नाम अधिग्रहित जमीन बेचे जाने को लेकर झारखंड पुलिस अकेडमी के इंस्पेक्टर बंधन भगत ने यह मामला दर्ज कराया था। है। लोहसिंहना पुलिस ने इस बाबत कांड संख्या 34/ 21 दिनांक 21 मार्च को दर्ज करते हुए एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाया था। पीटीसी की जमीन को भू माफियाओं द्वारा बेचे जाने का खुलासा जमीन पर कब्जा करने को लेकर शुरू किए गए काम के बाद हुआ। इसके बाद सक्रिय विभाग ने सदर अंचल के पदाधिकारियों की मौजूदगी में मापी करायी तो हड़कंप मच गया। इसके बाद लोहसिंहना थाना में उक्त जमीन के दर्जनों क्रेता और विक्रेता पर मामला दर्ज किया गया है। दर्ज मामले में कहा गया है कि पुलिस एकेडमी निर्देशक को यह जानकारी मिली थी कि जमीन माफिया ने पीटीसी के लिए अधिग्रहित जमीन को बेच दिया गया है। जमीन की खरीद बिक्री करने वाले लोग कब्जा कराने के लिए साफ सफाई करा रहे हैं। निर्देशक ने उक्त सूचना के आलोक में झारखंड पुलिस एकेडमी में पदस्थापित डीएसपी संजय कुमार राणा के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया। जिसमें पुलिस निरीक्षक विनोद कपूर और संजय कुमार को शामिल किया गया। तीनों पुलिस अधिकारियों ने नक्शा से मिलान करने के बाद घेराबंदी कराने का प्रस्ताव दिया। 22 दिसंबर को भी करायी गयी थी मापी इस आलोक में 22 दिसंबर को श्री कृष्ण आरक्षी विद्यालय के पास ग्राम चापड़ एवं नूरा स्थित जमीन की मापी कराई गई। इसमें सदर अंचल के अमीन और पदाधिकारी शामिल हुए। मापी के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि 1947- 48 में पीटीसी के अधिकृत जमीन पर राजेश कुमार सिंह एवं अन्य लोगों ने कब्जा करते घर बना लिया है। सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से पीटीसी के नाम अधिग्रहित जमीन को बेच दी गई है। जांच टीम ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से मामले की जांच कराई। जांच पड़ताल के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीसी से कार्रवाई का अनुरोध किया। फिर जमीन की खरीदारी करने वाले और बेचने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। दर्ज मामले में दर्जनों लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें शहर के चिकित्सक, हजारीबाग में पदस्थापित दारोगा जो अब इंस्पेक्टर बन चुके सहित कई गणमान्य भी शामिल हैं।

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