दवा के अभाव में दम तोड रहे ब्लैक फंगस के मरीज, पूरे झारखंड में नहीं मिल रही दवा

अब ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ने लगे हैं लेकिन दुखद यह है कि इसकी दवा पूरे झारखंड में नहीं मिल रही है। आदित्यपुर के एक मरीज ने दवा के अभाव में ही दम तोड़ दिया। वहीं टीएमएच ने दो और मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 05:48 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 05:48 PM (IST)
दवा के अभाव में दम तोड रहे ब्लैक फंगस के मरीज, पूरे झारखंड में नहीं मिल रही दवा
लैक फंगस के इलाज में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग हो रहा है ।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ने लगे हैं लेकिन दुखद यह है कि इसकी दवा पूरे झारखंड में नहीं मिल रही है। आदित्यपुर का एक मरीज दवा के अभाव में ही दम तोड़ दिया। वहीं, टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) ने दो और मरीजों की जांच के लिए भेजा है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। लेकिन, सवाल उठता है कि क्या इसी तरह मरीजों की मौत होते रहेगी या फिर दवा देकर उनकी जान बचाई जा सकेगी। ब्लैक फंगस की दवा टीएमएच में भी उपलब्ध नहीं है। उनके द्वारा ऑर्डर दी गई है लेकिन, अभी तक नहीं पहुंची है। ब्लैक फंगस के इलाज में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग हो रहा है जो पूरे झारखंड में नहीं है। इंजेक्शन कब आएगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पदाधिकारी जल्द ही आने की बात कह रहे है लेकिन तिथि कोई नहीं बता रहा है।एम्फोटेरिसिन-बी का नहीं है विकल्पदवा विक्रेता कमल अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले बढ़ जाने की वजह से एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। पहले दूसरे जिला व राज्यों में ब्लैक फंगस के मरीज मिले। इससे वहां के लोगों ने भी जमशेदपुर से इंजेक्शन ले गए हैं। अब जमशेदपुर में भी खत्म हो गई है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। मधुमेह पर नियंत्रण हो, स्टेरॉयड से बचेंमधुमेह रोगियों को अगर कोरोना हो जाए तो अपने मन से स्टेरॉयड नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि स्टेरॉयड के एक डोज मधुमेह का स्तर 300 से 400 तक बढ़ा सकता है, जो खतरनाक है। डॉक्टर के सलाह पर ही स्टेरॉयड लें। क्योंकि मधुमेह रोगियों में ब्लैक फंगस अधिक देखा जाता है।-कोट ::::ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षण नाक में सूखापन, कमजोर नजर, जबड़े में दर्द, चेहरे पर सुन्नापन और आंखों पर सूजन है। इस दौरान तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत होती है। देरी होने से सर्जरी और उसके बाद दृष्टिहीनता और मरीजों की मौत भी हो जाती है।- डॉ. केपी दूबे, ईएनटी रोग विशेषज्ञ।-

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