बिसरा में बंद समर्थकों ने रोकी मालगाड़ी, गिरफ्तार

आंदोलनकारी किसानों की ओर से आहूत भारत बंद को भले ही विपक्षी दलों ने समर्थन दिया हो। लेकिन धरातल पर हकीकत विपरीत नजर आई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:02 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:02 AM (IST)
बिसरा में बंद समर्थकों ने रोकी मालगाड़ी, गिरफ्तार
बिसरा में बंद समर्थकों ने रोकी मालगाड़ी, गिरफ्तार

संसू, बंडामुंडा : आंदोलनकारी किसानों की ओर से आहूत भारत बंद को भले ही विपक्षी दलों ने समर्थन दिया हो। लेकिन धरातल पर हकीकत विपरीत नजर आई। भारत बंद के चलते राउरकेला समेत बंडामुंडा, बिसरा व आसपास के क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन अलर्ट नजर आया। हालांकि बंडामुंडा व बिसरा के अलावा अन्य ग्रामांचल में बंद का असर देखने को नही मिला। इन सभी जगहों में दुकान-बाजार खुले नजर आए। शहरी क्षेत्र में बाजारों में चहल पहल के साथ ही टेंपो, बाइक व अन्य निजी वाहनों का परिचालन सामान्य रहा।

रेलनगरी बंडामुंडा में सोमवार की सुबह से ही रोजाना की तरह दुकान-बाजार खुले रहे और ग्राहकों की चहल पहल रही। शहर के सी, बी, डी सेक्टर सहित डीजल कॉलोनी क्षेत्र में भी दुकानें खुली रहीं। हालांकि बंद के मद्देनजर प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस मुस्तैद दिखी।

ग्रामीण क्षेत्र में मिलाजुला रहा असर : बिसरा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भारत बंद का मिलाजुला असर दिखा। बिसरा, भालुलता, डराईकेला,जराईकेला में दुकानें सुबह से खुली रहीं। सुबह के समय सीटू संगठन के कुछ सदस्यों के द्वारा बिसरा चेक गेट में बंद को सफल बनाने के लिए आह्वान दिया गया। साथ ही बिसरा रेलवे स्टेशन में मालगाड़ी के सामने सीटू के सदस्यों ने 10 मिनट तक नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को आरपीएफ व जीआरपी की ओर से इन्हें गिरफ्तार किया गया। राजगांगपुर में आंशिक असर : केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति व किसान बिल के विरोध में सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन एवं संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया था। शहर में इसका आंशिक असर दिखा। दुकान-बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले रहे। यात्री वाहनों का भी परिचालन जारी रहा। हालांकि एसयूसीआइ आदि श्रमिक संगठनों की ओर से मुख्य सड़क पर झंडा-बैनर लेकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बंद समर्थकों ने कृषि बिल रद करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने, बढ़ती मंहगाई पर रोक लगाने, डीजल, पेट्रोल, गैस की मुल्य वृद्धि को वापस लेने, बिजली बिल 2020 वापस लेने आदि मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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