हर आयोजन में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षकण के दायित्व का बोध कराया

रमेश कुमार पाण्डेय गुमला वर्ष 1986-87 से पद्मश्री अशोक भगत ने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 08:19 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 08:19 PM (IST)
हर आयोजन में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षकण के दायित्व का बोध कराया
हर आयोजन में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षकण के दायित्व का बोध कराया

रमेश कुमार पाण्डेय, गुमला : वर्ष 1986-87 से पद्मश्री अशोक भगत ने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान चलाया था वह अब धरातल पर सकारात्मक परिणाम के रूप में आने लगा है। यही कारण है कि उन्हें लोग पर्यावरण संरक्षण का अग्रदूत भी मान रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर उन्हें कई बार पुरस्कार मिल चुका है। कई संस्थान उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

पद्मश्री अशोक भगत बताते हैं कि बिशुनपुर की प्रकृतिक छटाओं ने उनका मन मोह लिया था। उन्होंने घर परिवार को छोड़कर बिशुनपुर में रहना आरंभ कर दिया था। उन्हें यह अनुभव हुआ कि न तो यहां के जंगल सुरक्षित हैं और न ही जमीन। जल भी बर्बाद हो रहा है। इसलिए उन्होंने जल, जमीन और जंगल बचाने का संकल्प लिया और इसे संघर्ष के बल पर एक अभियान का रूप दिया। इस दौरान उन्हें वैसे लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा जो जंगल के दुश्मन रहे हैं। लेकिन मेरे स्वभाव में ही है जब चुनौती मिलती है तो संघर्ष की ताकत प्राप्त होती है। जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ते गया वैसे-वैसे अभियान को कामयाबी मिलते गयी। लोग जंगल में पेड़ को न सिर्फ पेड़ समझने लगे बल्कि उन्हें जीवन रक्षक की संज्ञा भी देने लगे। धीरे-धीरे पर्यावरण संरक्षण का कारवां लंबा होता चला गया। पेड़ों की सुरक्षा का संकल्प लिया जाने लगा। पेड़ बचाए जाने लगे। क्योंकि मेरा मानना है कि सबकुछ सरकार से संभव नहीं है। नागरिकों का भी अपना दायित्व होता है। मैंने लोगों को इसी दायित्व का बोध कराया। कार्यक्रमों के आयोजन पर किया जाता है पौधारोपण

अशोक भगत विविधि प्रकल्पों का संचालन करते हैं। बहुआयामी उद्देश्यों को लेकर चलते हैं। विकास भारती बिशुनपुर में जब-जब कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तब-तब आए गणमान्य लोगों से पौधरोपण भी करवाया। श्रम निकेतन परिसर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसी साल पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था। तक्षशिला आश्रम परिसर में भी केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राज्यपाल वेदप्रकाश मारवाह, कई न्यायधीशों और गणमान्य लोगों के नाम पर पौधे लहलहा रहे हैं। इसी तरह सालम नवाटोली कृषि फार्म में 45 बार कार्यक्रमों का आयोजन हुआ और हर आयोजन के मुख्य व विशिष्ट अतिथियों द्वारा लगाए गए पौधा अब बगीचा का रूप ले चुके हैं। पांच लाख से अधिक पौधों का किया वितरण

पर्यावरण संरक्षण का उद्देश्य ही जीवन को सुरक्षित करना होता है। स्वस्थ्य जीवन ही समाज की ताकत होती है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वस्थ्य और खुशहाल समाज का विशेष ध्यान रखा गया। अब तक उन्होंने लगभग पांच लाख पौधों का वितरण किया जिसमें आम,अमरूद, नींबू, आंवला, तुलसी आदि शामिल हैं। जो औषधीय पौधे भी हैं। इनके फलों से जहां स्वास्थ्य जीवन की कल्पना साकार हुई है वहीं पर्यावरण संरक्षित करने में मदद भी मिली है। विश्व पर्यावरण दिवस पर मैं जिले के तमाम लोगों से पेड़ लगने और पर्यावरण को बचाने की अपील करुंगा। मेरी संस्था की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाने का अभियान चलेगा।

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