कोरोना से तीन की मौत, उपायुक्त ने दी चेतावनी

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By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:50 PM (IST)
कोरोना से तीन की मौत, उपायुक्त ने दी चेतावनी
कोरोना से तीन की मौत, उपायुक्त ने दी चेतावनी

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उपायुक्त ने निजी अस्पातल संचालकों के साथ की बैठक, व्यवस्था पर जताई नाराजगी

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जागरण संवाददाता, गुमला : उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा के गोपनीय कार्यालय में निजी अस्पताल प्रबंधन समिति के साथ कोविड-19 के मरीजों की समुचित इलाज को लेकर बुधवार को बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से मेंस केयर हॉस्पिटल में कोविड-19 रोगियों के इलाज में लापरवाही बरतने की मामले की समीक्षा की गई। बताया गया कि इस अस्पताल में प्रशासन द्वारा भेजे गए कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है। आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा होने के पहले ही अस्पताल से मुक्त कर दिया जाता है। साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड तथा वेंटीलेटर की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। इस अस्पताल में कुल 12 बेड ऑक्सीजन युक्त है, लेकिन रोगियों के इलाज में ऑक्सीजन समाप्त होने की बात कह कर उन्हें इलाज के पूर्व ही अस्पताल से छुट्टी कर दिया जाता है। वेंटीलेटर की सुविधा भी उचित ढंग से नहीं दी जाती है। उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल में एक सप्ताह के अंदर समुचित इलाज के अभाव में तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो गई है।

उपायुक्त ने अस्पताल प्रबंधन को इस लापरवाही के लिए चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन अपने व्यवस्था में सुधार लाएं तथा प्रशासन द्वारा कोविड-19 के मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल भेजे जाने पर उनके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अगर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो तो तत्काल जिला प्रशासन एवं सिविल सर्जन सदर अस्पताल से संपर्क स्थापित कर वैकल्पिक ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अगर दो दिनों के अंदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यवस्था में सुधार नहीं लाया जाता है तथा मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जाती है तो इस अस्पताल को ब्लैक लिस्टेड करते हुए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

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सिविल सर्जन को कोविड टेस्ट बढ़ाने का दिए निर्देश

उपायुक्त ने बैठक में सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि गुमला जिले में कोविड-19 के टेस्ट में तेजी लाया जाए तथा प्रतिदिन एक हजार कोविड-19 संक्रमित मरीजों के सैंपल की जांच की जाए। साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की प्रभारी नोडल पदाधिकारी के माध्यम से निगरानी रखा जाए। जहां भी कोविड-19 संक्रमित मरीज की सूचना मिले वहां पर उनके संपर्क में आने वाले कम से कम 30 व्यक्तियों का सैंपल टेस्ट किया जाए। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों के इलाज, दवा, खानपान की व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जाए। गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को ही इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाए। सामान्य रूप से संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए निर्देशित किया जाए।

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