सब्जी महोत्सव में सांसद ने सुगाकाटा गांव को किया आदर्श ग्राम घोषित
संवाद सूत्र रायडीह (गुमला) रायडीह प्रखंड के ग्राम सुगाकाटा में रविवार को वन सब्जी महोत्सव का आयोजन किया गया।
संवाद सूत्र, रायडीह (गुमला) : रायडीह प्रखंड के ग्राम सुगाकाटा में रविवार को वन सब्जी महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव के मुख्य अतिथि लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत ने ग्रामीणों को यह सुनिश्चित कराया कि वह उनकी आवश्यकताओं और मांगों को ससमय पूरा करने का संवेदनशील प्रयास करेंगे। उन्होंने यह घोषणा भी की कि वे आज से ग्राम सुगाकाटा गांव को अपने सांसद आदर्श ग्राम के अंतर्गत अपना रहे हैं। इस आयोजन में ग्रामीणों ने उत्साह के साथ भाग लेते हुए पचास से ज्यादा वन सब्जियों को एकत्रित किया और उन्हें सुरुचिकर एवं परंपरागत तरीके से पकाया। जैव विविधता आधारित इस परंपरागत आयोजन के मुख्य अतिथि, लोहरदगा के सांसद श्री सुदर्शन भगत थे। कार्यक्रम में सैकड़ों ग्रामीण के साथ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख बिंदेश्वर साहू, गुमला नगर के गणमान्य समाज सेवी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशेषकर विभिन्न तरह के स्टाल लगे थे जिन पर तरह तरह की वन सब्जियों को परंपरागत तरीके से पकाया गया था अतिथियों ने स्टाल पर जाकर विभिन्न सब्जियों व उनके लाभ हानि, उन के औषधीय गुण, उनके बनाने की विधि के बारे में ग्रामीणों से समझा और सब्जियों का स्वाद भी चखा। इस अवसर पर वन सब्जी के औषधीय गुणों के संबंध में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक भी अतिथियों को भेंट दी गई।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि उन्हें पर्याप्त मात्रा में जल संसाधन गांव में उपलब्ध हो तो वह अपनी कृषि आय को दोगुना आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने यह कहा कि अगर उन्हें वनोपज प्रसंस्करण हेतु कुछ सहयोग एवं कुछ तकनीक उपलब्ध कराए जाएं तो लाह प्रसंस्करण के द्वारा वह अपनी आजीविका की स्थिति को बहुत ही उत्तम कर सकते हैं।
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ग्रामीणों ने श्रम दान कर बनाया बोरी बांध
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने सभी अतिथियों के साथ मिलकर गांव के साथ ही बहने वाले प्राकृतिक नाले में श्रमदान के माध्यम से एक बोरी बांध भी बनाया जिससे पानी रोक कर वह लगभग 25 से 30 एकड़ में इस रबी के मौसम में सब्जियों की खेती करेंगे। इस अवसर पर वनवासी कल्याण केंद्र द्वारा ग्रामीणों को मुख्य अतिथि सांसद सुदर्शन भगत के हाथों एक डीजल पंप का वितरण भी किया गया ताकि वह सुचारु रुप से सिचाई के लिए रबी के मौसम में जल उपलब्ध कर सके।