सोख्ता का निर्माण कर किया जा रहा भूजल को रिचार्ज

श्रीकांत बसिया जल जीवन का आधार है। लेकिन जीवन से दूर होता जा रहा जल हमारी सभ्यता-संस्कृ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:41 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:41 PM (IST)
सोख्ता का निर्माण कर किया जा रहा भूजल को रिचार्ज
सोख्ता का निर्माण कर किया जा रहा भूजल को रिचार्ज

श्रीकांत, बसिया : जल जीवन का आधार है। लेकिन, जीवन से दूर होता जा रहा जल हमारी सभ्यता-संस्कृति के लिए लगातार खतरनाक साबित होता जा रहा है। बसिया की ही बात करें तो नदी और पहाड़ के घर में भी भू-जल स्तर तेजी से नीचे सरक रहा है। पिछले एक दशक से पानी को लेकर स्थिति और अधिक भयावह हो रही है। नदियों से अंधाधुंध बालू उठाव और बड़ी मात्रा में भू-जल को बेकार बहा देने से पानी हमारी पहुंच से दूर हो रहा है। इन इलाकों में हर साल न्यूनतम जलस्तर कम से कम दो-तीन फीट तक नीचे जा रहा है। ऐसे में में पुराने पेय जल कूप जवाब देने लगे हैं। जल की समस्या को लेकर बसिया के सुकरा गोप का प्रयास छोटा है लेकिन, इसका प्रतिफल मानव को जल के साथ नया जीवन देने वाला साबित हो सकता है। बसिया में सुकरा गोप ने जल की महत्ता और इसकी जरूरत को समझा और पांच साल पूर्व उन्होंने इसकी शुरुआत खुद अपने घर से की। शौचालय की टंकी के साथ रसोई, बाथरूम और वर्षाजल को जमीन के अंदर भेजने के लिए एक सोख्ता (गड्ढा )बनाया। इसका लाभ यह हुआ कि घर का एक बूंद पानी घर से बाहर यानि नाली में नहीं जाता है। घर में जमीन के नीचे से निकला सारा पानी घर की जमीन के ही अंदर सोख्ता के माध्यम से चला जाता है। इसकी लागत भी घर में नाला निर्माण की लागत से ज्यादा अधिक नहीं है। इससे नाला निकासी और सफाई की समस्या भी दूर हो जाती है।

----

मुहिम ने दिखाया रंग

पेशे से किसान रह चुके सुकरा गोप पानी की महत्ता को देखते हुए उन्होंने घर में सोख्ता का निर्माण करवाने के लिए लोगों को प्रेरित भी किया। कुछ लोगों ने अपने घर में सोख्ता बनाया भी है। ऐसे में अभी इन घरों में प्रयोग हुआ पानी सोख्ता के माध्यम से घर के अंदर से ही जमीन में चला जाता है। इस प्रयास से अगल बगल के पेय जल कूप में वाटर रिचार्ज हो रहा है और इससे गर्मी के दिनों में भी पानी का जल स्तर नहीं घट रहा है और कुआं व डीप बोरिग में पानी की समस्या नहीं हो रही है।

chat bot
आपका साथी